भतीजे आयुष अब चलने लगे हैं, दौड़ने लगे हैं। अभी लगभग डेढ़ साल के हो चुके हैं। आयुष को बाकी बच्चों की तरह चाकलेट, बिस्किट खिलौने इन सब चीजों का उतना शौक नहीं है। आयुष तो ठहरे ठेठ पहाड़ी। वे अभी से चावल दाल के शौकीन हो गये हैं। दिन में दो टाइम उनको चावल ही चाहिए होता है। कभी-कभी तो तीन-चार टाइम चावल ही चावल खाते हैं। इस छोटी सी उमर में चावल-दाल उनका प्रिय भोजन बन गया है, इसके अलावा बाकी अन्य चीजों को वे इतने चाव से नहीं खाते। भात-दाल के प्रति उनका इतना प्रेम है कि मम्मी-पापा जब खाना खाते हैं तो वे लपक पड़ते हैं और उनके साथ भी भोजन कर जाते हैं।
आयुष, मस्त रहिए, सदा इसी तरह खुशियां बिखेरते रहिए, तुम्हारे अच्छे स्वास्थ्य एवं उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाओं के साथ...
- तुम्हारा चाचा।
So adorable..,,
ReplyDeletethanku
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