A - वन संरक्षक की वेकैंसी आई है।
B - तो?
A - भर लो, तुम भी भर लो।
B - क्यों ही करना ये सब?
A - कुछ तो करना ही है।
B - तो फिर कुछ भी कर लें हम।
A - मैं कहा, क्या पता हो जाए।
B - ऐसे कैसे हो जाएगा?
A - लोगों का तो होता है।
B - होने दो उनका।
A - तुम्हें नहीं होना?
B - जरूरत ही नहीं।
A - बढ़िया नौकरी है।
B - ये नशा तुम्हें मुबारक।
A - खूब आराम है।
B - अच्छा..
A - कुछ खास काम नहीं होता।
B - अच्छा जी...
A - मोटी कमाई है।
B - कैसे?
A - जंगल बेच डालते हैं।
B - ओह! कैसे?
A - लकड़ी, वनोपज नाम की भी चीज है।
B - वाह, क्या बात है।
A - अपने को क्या इन सबसे।
B - लेकिन पद का नाम थोड़ा अटपटा नहीं है..
A - ठीक तो है, वन संरक्षक।
B - कायदे से तो वन भक्षक होना चाहिए।
A - ऐ! तुम हमेशा नेगेटिव बात ही करोगे।
B - ठीक है, कुछ ना बोल रहा।
A - पाॅजिटिव सोचा करो यार।
B - जो आज्ञा प्रभु।
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