Wednesday, 29 May 2024

Workoholic People Symptoms -

1. वर्कोहाॅलिक व्यक्ति आत्ममुग्धता से ग्रसित होते हैं।
2. ये अपने को श्रेष्ठ और सारी दुनिया को परले दर्जे का मूर्ख समझते हैं।
3. इनके व्यक्तिगत जीवन में भयानक उतार-चढ़ाव होता है, जिसकी भरपाई ये काम करते हुए करने की कोशिश करते हैं।
4. पारिवारिक जीवन में बहुत समस्याएं होती हैं, इस कारण से जबरन काम करते रहना ही इनका इष्ट बन जाता है।
5. ये खुद जान बूझकर अतिरिक्त काम करते हैं या ऐसा करने का दिखावा करते हैं जिसकी कभी आवश्यकता नहीं होती है।
6. जरूरत से अधिक काम करते हुए दूसरों के लिए समस्या पैदा करना इनका प्रिय शगल होता है। 
7. ये अजीब किस्म के सिरफिरे होते हैं, इन्हें लगता है यही दुनिया में सही हैं, इस कारण से दूसरों का दुःख दर्द ये कभी नहीं देख पाते हैं।
8. ये जहां भी रहते हैं, वहां ये सबसे बड़े चाटुकार होते हैं। इस मामले में कोई इनके पासंग नहीं होता है।
9. इस तरह के लोगों से समाज को लाभ कम और नुकसान अधिक होता है। 
10. चूंकि ये काम कम और काम करते रहने का दिखावा अधिक करते हैं इस वजह से ये अपने सहकर्मियों को अनावश्यक प्रताड़ित करते रहते हैं।
11. ये एक अच्छे चाटुकार होने की सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं।
12. इनके लिए क्या दिन क्या रात, हमेशा वर्क मोड में ये आपको मिलेंगे, क्योंकि इसके अलावा इनके जीवन में कोई दूसरी बेहतर चीज होती ही नहीं है।
13. इस तरह के लोगों का व्यक्तिगत जीवन इतना चौपट होता है कि ये पांच मिनट भी अकेले शांति से बिता नहीं सकते। इन्हें बैचेनी होने लगती है।
14. किसी एक बीमारी की तरह काम को ही जीवन मरण का प्रश्न बना देने वाले इन‌ लोगों का पुरजोर इस्तेमाल किया जाता है, इन्हें इसमें मजा भी आता है।
15. ये भयानक कमजोर, डरपोक और हल्के किस्म के होते हैं। तभी वर्कोहाॅलिक बनकर श्रेष्ठताबोध को जीने की कोशिश करते हैं। 
16. इनके दोस्त यार करीबी कोई होते ही नहीं है, कोई ऐसा नहीं होता जो दुःखहर्ता की तरह इनका हाथ थाम ले और गले लगाकर कहे कि सब ठीक है, क्योंकि इनमें इंसानी रिश्तों की रत्ती भर समझ नहीं होती है। 
17. इनका मन अधिकांशतः अशांत ही होता है, इसलिए ये दूसरों को भी तोहफे में यही दे रहे होते हैं। 
18. ये लोग न अपना भला करते हैं, न दूसरे का भला करते हैं, जहां रहते हैं, बस लोगों को सिवाय बैचेनी और तनाव के और कुछ नहीं देते। क्योंकि खुद उसी में आकंठ डूबे रहते हैं। 
19. अमूमन देखने में आता है कि ये भाषाई दरिद्रता के धनी लोग होते हैं। 
20. ये आजीवन इसी भ्रम में जीते हैं कि ये अपने काम‌ को लेकर बहुत जुनूनी किस्म के‌ हैं, जबकि वास्तव में ये अपने भीतर की असुरक्षा को जी रहे होते हैं। 

सामान्य मनुष्यों को चाहिए कि अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस बीमार प्रजाति से हमेशा एक निश्चित दूरी बनाकर रखें।

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