Saturday, 12 September 2020

क्रिस्तियानो रोनाल्डो -

शीर्षक के रूप में सिर्फ इस फुटबालर का नाम लिखने का मकसद सिर्फ इतना है कि इस फुटबालर की कहानी बयां करने के लिए इसका नाम‌ लेना ही काफी है, इसका नाम ही पहचान है, इसे किसी क्लब के सहारे की कभी जरूरत नहीं पड़ी है। दुनिया का सबसे अच्छा फुटबालर कौन है यह सवाल हमेशा उलझा रहेगा जब तक मेस्सी के सामने रोनाल्डो नाम का भूखा शेर खड़ा है। जब रोनाल्डो के समकक्ष फुटबालर रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं, तो इधर यह एक ऐसा खिलाड़ी है जो दिनों-दिन जवान होता जा रहा है, 35 की उम्र में भी वही 20 की उम्र जैसी फुर्ती, गोल दागने की वही भूख, अगर यह सब किसी में है, तो वह सिर्फ और सिर्फ रोनाल्डो है। रोनाल्डो फुटबाल की दुनिया का एक ऐसा खिलाड़ी है जिसने क्लब की भावना से हटकर अलग-अलग जगह जाकर खुद को सिध्द किया। अपनी बात कहूं तो फुटबाल क्लब बार्सिलोना और मेस्सी का फैन होने के नाते हमेशा से एक जुड़ाव मेस्सी से रहा, इस वजह से भी कभी रोनाल्डो के कद का अहसास नहीं हो पाया। फिर एक दिन मेरी मुलाकात एक ऐसे दोस्त से हुई जो रोनाल्डो का फैन निकला, ध्यान रहे कि इससे पहले मैंने रोनाल्डो का खेल उतने ध्यान से कभी नहीं देखा था।


उस फैन ने जो कुछ बातें कहीं वह जस का तस यहाँ रख रहा हूं - " रोनाल्डो 6'2" यानि लंबी कद काठी का खिलाड़ी है, इसलिए वह कितना भी अच्छा ड्रिबल कर ले, कितना भी अच्छा मैदान में खेल ले, वह देखने में उतना अच्छा नहीं लगता है, वहीं मेस्सी छोटे कद का खिलाड़ी है, इसलिए वह जब फुटबाल को ड्रिबल करता है, पास देता है या फिर गोल दागता है, यह सब देखने में बहुत प्यारा लगता है, दूसरा यह कि रोनाल्डो मेस्सी की तरह भावुकता की आड़ नहीं लेता है, मैं यह नहीं कहता कि मेस्सी अच्छा नहीं है, उसका अपना अलग लीग है, लेकिन रोनाल्डो की भी कोई तुलना नहीं। रोनाल्डो अपने दोनों पैरों से उसी ताकत से गोल दागने की क्षमता रखता है, ऐसी क्षमता अभी के समय में दुनिया में और किसी फुटबालर में नहीं है, और फिर रोनाल्डो के हैडर की बात ना ही करें तो बेहतर, कोई आस पास ही नहीं है। वह हर फ्रंट में आगे है लेकिन भावुकता न दिखाने और अलग-अलग क्लब में खेलने की वजह से उसे वैसी ख्याति नहीं मिल पाई जैसी उसे मिलनी चाहिए। "


मेस्सी फैन होने के बावजूद मैं अपने मित्र की बातों से शत प्रतिशत सहमत हूं, वाकई 35 की उम्र में पावरफुल बाइसिकल किक सिर्फ रोनाल्डो ही दाग सकता है। रोनाल्डो की भूख अभी भी कम नहीं हुई है, वह फुटबाल के मैदान में अभी भी खुद को जिस तरीके से प्रस्तुत करता है, उससे तो यही लगता है कि ये खिलाड़ी 40 की उम्र तक उसी जूनुन के साथ गोल दागता रहेगा। 


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