जब चारों ओर निराशा के बादल दिखाई देने लगे,
इतना धुंधलापन कि कहीं कुछ भी साफ न दिखता हो,
क्या वर्तमान क्या भविष्य, सब कुछ अंधेरे की गिरफ्त में हो,
तब हमें आँख मूंदकर खुद को किस्मत के हवाले कर देना चाहिए।
कई बार कुछ चीजें अपने आप होती है,
कोई हमें देख रहा होता है,
हमारी कड़ी परीक्षा ले रहा होता है,
हमें एक बेहतर कल के लिए मजबूत ही कर रहा होता है।
हमें बस कुछ देर चुप रह जाना चाहिए,
चुप रह जाने से मौसम बदल जाता है।
हमें उस अदृश्य शक्ति के हाथों खुद को सौंप देना चाहिए,
कुछ इस तरह वक्त अपने आप बेहतर होने लगता है।
इतना धुंधलापन कि कहीं कुछ भी साफ न दिखता हो,
क्या वर्तमान क्या भविष्य, सब कुछ अंधेरे की गिरफ्त में हो,
तब हमें आँख मूंदकर खुद को किस्मत के हवाले कर देना चाहिए।
कई बार कुछ चीजें अपने आप होती है,
कोई हमें देख रहा होता है,
हमारी कड़ी परीक्षा ले रहा होता है,
हमें एक बेहतर कल के लिए मजबूत ही कर रहा होता है।
हमें बस कुछ देर चुप रह जाना चाहिए,
चुप रह जाने से मौसम बदल जाता है।
हमें उस अदृश्य शक्ति के हाथों खुद को सौंप देना चाहिए,
कुछ इस तरह वक्त अपने आप बेहतर होने लगता है।
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