Saturday, 16 July 2022

VPN Ban

फिलहाल VPN बैन करने की डेट सितम्बर तक के लिए होल्ड में है। मसला ये है कि सरकार चाहती है कि VPN कंपनियाँ 5 साल तक यूजर डेटा संभाल कर रखें ( जिसमें सारा निजी डेटा है), इसके पीछे तर्क यह कि साइबर क्राइम, आंतरिक सुरक्षा और ऐसे तमाम मसलों से निपटने में आसानी होगी। ( वैसे जिसको यह सब इलीगल काम करना है, वह VPN बैन के बाद भी कर लेगा, कई दूसरे और तरीके होते हैं, तो VPN बैन का इससे घंटा कोई लेना-देना नहीं है इतना तो सबको स्पष्ट हो जाना चाहिए )। मतलब गजब ही मजाक है, ये बिल्कुल वैसा ही है कि कल को सरकार ये भी कह देगी कि हम साइबर क्राइम नहीं रोक पा रहे हैं, तो पूरे देश में इंटरनेट ही हमेशा के लिए बैन करेंगे। 

VPN कंपनी का काम ही होता है सिक्योर नेटवर्क देना, किसी का डेटा शेयर न करना, लाॅग न रखना, प्राइवेसी को‌ प्रोमोट करना। अगर वह सरकार के कहे अनुसार डेटा रखने लगी तो फिर VPN का मतलब ही क्या रहा। बिना इंजन के गाड़ी चलाने वाली बात है। इतनी भयानक तानाशाही पर सरकार उतारू है। वैसे Surfshark, ExpressVPN और NordVPN जैसी बड़ी कंपनियों ने इस नियम को ढेंगा दिखाते हुए अपने सर्वर ही भारत से हटा लिए हैं, अब सिंगापुर से आपरेट कर रहे हैं, इंडियन आईपी भी दे रहे हैं, भारत के नियमों से भी मुक्त, अगर सरकार एकदम ही नीचता पर उतरती है तो सितंबर में शायद इनका आपरेशन बंद हो जाए। यह कुछ वैसे ही होगा जैसे कोई एप्प बैन होता है, तो दुनिया के किसी भी कोने से सर्विस नहीं दे पाएंगे। कुछ-कुछ कम‌ बजट वाली छोटी कंपनियाँ जो खुद को भारत से बाहर मूव नहीं कर सकती, उनके सर्वर अभी भी भारत में हैं।

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