नहीं चाहिये MSP -
1. 1980 मे खेती मजदूर दोपहर तक का 3 किलो अनाज लेता था।
सरकार आज 3 किलो गेंहू के बस उतने दाम दे दे कि किसान अपने मजदूर भाई को वर्तमान समय की आधा दिन की मजदूरी (Rs. 200) दे पाये।
बिल्कुल ना दे MSP, हमें नहीं चाहिये।
2. 1967 मे गेंहू का दाम था 76 Rs प्रति क्विंटल ओर सोने (Gold) का रेट था 102 Rs तोला। मतलब 135 किलो गेंहू बेचकर 1 तोला सोना खरीदते थे किसान।
हमे सरकार 135 किलो गेंहू/तोला के हिसाब से पेमेंट करे भले MSP ना दे।
3. 1967 मे 1 सीमेंट का कट्टा 8 Rs का था। मतलब 1 क्विंटल गेंहू मे साढ़े नौ कट्टे सीमेंट आता था।
सरकार आज भी बस साढ़े नौ कट्टे सीमेंट के बराबर गेंहू का रेट दे दो।
4. गेंहू का पहला MSP था 76 रुपये(1967) और उस समय एक क्विंटल में ढाई हजार ईंट आती थी। आज उतनी ही ईंटे 12-14 हजार की आती है।
किसान को घर बनाने के लिए ढाई हजार ईंट बराबर प्रति क्विंटल गेहूँ का रेट दिलवा दो।
फिर MSP बेशक कूड़े मे डाल दो।
5. जब गेंहू का पहला MSP 76 Rs क्विंटल था तो एक क्विंटल मे एक ड्रम(200 लीटर) डीजल आता था।
बस 1 क्विंटल गेंहू में 1 ड्रम डीजल दिलवा दो।
6. मेरी RK डिग्री कॉलेज की BSc की फीस थी सवा छह रुपये ओर उस साल गेंहू था 215/क्विंटल। मतलब किसान 3 किलो गेंहू बेच कर बेटे की सालाना फीस भर देता था।
सरकार जी आज गेहू है 19.25 Rs किलो। बस ब्लॉक स्तर पर 57 Rs सालाना फीस दे कर किसानों के बच्चे पढ़ने वाले कॉलेज खुलवा दो।
फिर बेशक MSP अम्बानी अडानी को दे दो।
नोट:- महक सिंह तरार भाई साहब द्वारा उनकी अपनी पढ़ाई के आधार पर आँकलन।
7. पिछले बीस साल मे गेहूँ बढ़ा तीन गुणा और यूरिया बढ़ा छहः गुणा।
सरकार जी या तो यूरिया आधे रेट कर दो या गेहू दुगने।
और MSP दे दो बेशक अदानी अम्बानी को।
#MSP_C2_प्लस_50%
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