Wednesday, 17 November 2021

Voice of the sea - memoir

समन्दर किनारे बैठे थे, 
उनकी कैंपिंग चल रही है, 
दोनों ने अलग-अलग कैंप लगा रखे हैं,
उसके लिए यह पहला कैंपिंग का अनुभव है,
बहुत खुश है वो,
सुकून से अपने कैंप से बाहर निकल कर हवाओं से बातें कर रही है,
लाल रक्तिम लालिमा लिए सूरज ढलने को है,
वह भी दूर बैठा उसे देख ही रहा होता है,
समन्दर किनारे जाने के लिए अपने कैंप से निकला ही है,
इतने में चिड़ियों का एक झुंड आता है,
लड़की विचलित हो जाती है, डर जाती है,
लड़का तुरंत दौड़ते हुए जाकर उन्हें भगाता है,
लड़का समझाता है कि बस उन्हें दौड़ाना ही था,
यह काम तुम भी कर सकती हो, अगली बार कभी कुछ हो, तो करके देखना।
फिर दोनों बहुत देर तक वहीं बैठे हुए बातें करते हैं...
एक दूसरे के बारे में बातें करने का जोखिम उठा लेते हैं..
लड़की बहुत गंभीरता से कहती है- 
तुम थोड़े अजीब हो,
पता नहीं क्या क्या सोचते रहते हो,
कोशिश करती हूं लेकिन समझ नहीं पाती हूं,
लेकिन इंसान अच्छे हो इतना पता है...
इतनी ही बात होती है और फिर दोनों खामोशी से ढलते सूरज को देखने लग जाते हैं.. 
Highway to the stars...
Delhi_Diaries
18 Nov 2021

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