Tuesday, 7 September 2021

One night in sand dunes, Jaisalmer



जैसलमेर के एक गाँव की तस्वीर है। कैमल सफारी के लिए गया था। रात के एक बजे थे, लोमड़ी और हिरण आसपास चहलकदमी कर रहे थे उनकी वजह से नींद खुल गई। यहीं खुले में सोया था, ऊंट वाले भाई 500 मीटर दूर ऊंट के साथ थे। ऊंट वाले दो अलग-अलग जो भाई रहे, खाना पकाने के समय उन्होंने एक गजब की बात कही, मुझे भी एकदम बाहर का टूरिस्ट समझकर अंग्रेजी बोले जा रहे थे, जबकि मैं उनकी हर बात का हिन्दी में ही जवाब दे रहा था। फिर मैंने कहा - यार भाई मुझसे तो तुम लोग हिन्दी में ही बात करो, अंग्रेजी को साइड ही कर लो, फिर उन्होंने हिन्दी में बात की। उसमें से एक लड़के ने दूसरे की ओर इशारा करते हुए कहा - आपको पता है, हम दोनों बचपन से साथ पढ़े हैं, साथ घूमते हैं,  मैं राजपूत हूं और ये ST है फिर भी हम साथ रहते हैं, साथ खाते-पीते हैं, कभी भेदभाव नहीं मानते। मैं मन ही मन सोच रहा था कि क्या दूसरा लड़का भी इतने गर्व से ऐसा बोल पाएगा। 
मुझे पता नहीं उसने मुझे ये सब क्यों बताया। बताते वक्त वह ऐसा महसूस कर रहा था कि मानो कोई बहुत बड़ी उपलब्धि गिना रहा हो, कोई महान चीज बता रहा हो। और ये सच है उनके लिए ये महान चीज है। ऐसे ईमानदार प्रयासों को सलाम।
श्रीकृष्ण जी की मुद्रा में मैं ही लेटा हुआ हूं, इस तस्वीर के लिए ठीक ऐसे ही टाइमर लगाकर 30-40 सेकेण्ड स्थिर एक मुद्रा में रहना पड़ता है, फोन से तारों वाली फोटोग्राफी तभी संभव हो पाती है। उम्मीद है थोड़े बहुत तारे दिख रहे होंगे।

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