Saturday, 4 September 2021

Few Updates about my next trip -

कल बहुत से लोगों ने पूछा कि कब जा रहे फिर से घूमने। लोग जन्मदिन में अमूमन यह पूछते हैं कि आज क्या खास कर रहे, कहाँ पार्टी कर रहे लेकिन इस बार का मामला एकदम‌ अलग रहा। इसके बदले मुझे बहुत से दोस्तों ने यह पूछा कि - कब जा रहे नार्थ ईस्ट। तो जवाब ये है कि सब कुछ ठीक रहा तो ठंड शुरू होते ही निकल जाना है। पहले की तरह घरवालों को बिना बताए अकेले ही जाऊंगा, इस बार का सफर वैसे काफी अलग होने वाला है, उसके बारे में उसी समय पता चल जाएगा। 
एक चीज मैंने नोटिस किया कि बहुत लोगों को इस बात पर यकीन ही नहीं होता है कि घरवालों को बिना बताए मैं इतने दिन घूमकर आया। उनको लगता है कि ऐसा संभव ही नहीं है। बता दूं कि अभी भी मेरे घरवालों को पता नहीं है कि मैं भारत भ्रमण के लिए निकला था, जबकि पिछले छह महीने से माता-पिता के साथ ही हूं। कोई घरवालों को आकर बता देगा तो भी वे नहीं मानेंगे। तो ये पूरा पूरा स्किल का मामला है, बताऊंगा तो भी आपको समझ नहीं आना है, सबके अलग-अलग जीने के तरीके होते हैं। कोई बहुत साहस वाला काम नहीं है, बस खुद को अपनी स्वतंत्रता को वरीयता क्रम में सबसे ऊपर रखने की बात है। 
कुछ एक‌ मित्र थे जो मेरे पीछे खूब बातें किया करते क्योंकि सामने से तो कुछ कह नहीं सकते इसलिए पीठ पीछे चुगली करते। बातें भी क्या करते कि - "हाँ भाई उसका सही है कोई टेंशन कोई जिम्मेदारी नहीं, हमारी तो अपनी घर परिवार की जिम्मेदारियाँ होती है, माता-पिता को देखना होता है, उनकी सेवा करनी होती है।" अबे यार भाई इतना क्यों खार खाते हो सीधे कहा करो कि चीजें मैनेज करना नहीं जानते। 
छह महीनों से घर पर हूं, बाई की तरह घर पर सारे काम देखता आया हूं, एक‌ महीने तो अस्पतालों के ही चक्कर लगाए हैं, एक दो महीने तो गाँव में खेतों का काम देखा है, इन छह महीनों के अंदर दर्जनों शादियाँ, दशकर्म सबमें शिरकत करना। वह सब कुछ जिया है जैसा एक आम इंसान जीता है। अलग कुछ नहीं है बे, अलग कुछ है तो मेरे लिए आपकी सोच।
अगली ट्रिप में निकलने से पहले बहुत मुश्किलें हैं, हर तरह की मुश्किले हैं, ये समझिए कि ऐसा फँसा हूं‌ कि पिछले छह महीने से घर से निकल नहीं पाया हूं। क्या होगा, कैसे सब मैनेज होगा, कुछ नहीं पता, सब कुछ हमेशा की तरह अस्तित्व के सहारे। अब जब हम कुछ सोच लेते हैं तो फिर कर ही लेने वाले हुए। समय कीमती है, बाद में पैसे आ जाएंगे, सुविधाएँ इकट्ठी हो जाएंगी, लेकिन ऐसा उत्साह नहीं रहेगा, ऐसा जुनून दुबारा पैदा नहीं होगा, इसलिए जो जब मन करे उसी समय कर लेना चाहिए। 

No comments:

Post a Comment