Friday, 13 October 2017

अकेले रहने से बचें -

                            अकेले रहना और अकेले चलना दो बहुत अलग चीजें हैं। आप अकेले अपनी राह में चलने के लिए कुछ समय के लिए खुद को अकेला रखते हैं सो ठीक है पर एक समय से ज्यादा अकेले रहना नुकसान ही करता है। हां इस मामले में कुछ एक अपवाद हो सकते हैं जिन्हें सालों तक अकेले रहकर फायदा पहुंचा हो। पर घर परिवार दोस्त यार यानि लोगों के बीच बने रहने में ही सच्चा सुख है।

एक लंबे अरसे से अकेले रहने के बाद अब यही जान पड़ता है कि---

- तकलीफदेह हो जाता है अकेले रहना जब आप अपने ही हाथ के बनाये गये खाने से ऊबने लगते हैं।
- एक कठोर तपस्या के समान हो जाता है अकेले रहना जब आप बीमार पड़ जाते हैं और आपकी खबर लेने वाला कोई नहीं होता।
- जब कभी आप पर दुःखों का पहाड़ आ जाता है तो एक भी व्यक्ति आपको सुनने समझने के लिए पास नहीं होता।
- इन सब के बीच एक तकलीफ ये कि आप खुद को ही भूल जाते हैं और दूसरों को ही भगवान मान लेते हैं और बिना कुछ सोचे-समझे उनकी सारी समस्याएं अपने कांधों पर उठाने लगते हैं।
- आपको जब किसी चीज की आवश्यकता होती है फिर उसके ना होने पर आप खुद को छोटा करने लगते हैं। ऐसा करते हुए आप जीवन के प्रति कुछ हद तक नीरस होते हुए पाए जाते हैं।
- चूंकि आपने लंबे समय तक अकेले रहकर बहुत कुछ हासिल किया होता है लेकिन कई बार वो जमाने के बनाए खांचो के अनुकूल नहीं होता। इसलिए आप बहुत कुछ अच्छा कर रहे होते हैं फिर भी आप को दुत्कारा जाता है।
- अकेले रहने से इस सच को घुट्टी बनाकर पी जाना होता है कि हमने ये रास्ता चुना है अब जो भी समस्या आएगी उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ हम होंगे।

आखिरी बात ये कि अकेले रहने के लिए एक अलग ही स्तर की मानसिक कंडिशनिंग और हिमालय सा हौसला चाहिए होता है जो सबमें नहीं होता है।

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