Tuesday, 19 July 2016

-Good and Evil-

एक शहर में पांच इंजीनियर लड़के साथ रहते थे..पांचो ठेठ उदण्ड अधर्मी प्रवृति के..सब के सब पक्के शोहदे..नशा बराबर करते थे और तो और गंदगी से खासा लगाव रखते थे..उनके कमरे में गालियां सर्वत्र गुंजायमान होती थी।
कुल मिलाकर कहा जाए तो पांचों लड़के बुरे थे।
एक दिन अचानक एक लड़के का हृदय परिवर्तन हुआ..सालों तक बुराई करके वो ऐसा टूटा कि अब उसमें अच्छाई का जन्म हुआ..अब वो सफाई से रहने लगा..नशा पानी कम करने लगा..बाकी चारों लड़के भी उससे प्रभावित हुए..वो भी उसकी राह में च...लने को आतुर हो उठे।
धीरे से ऐसा हुआ कि पांचों लड़के एकदम सीधे हो गये..संयमित जीवन जीने लगे।
गुस्सा गाली नशा दुर्व्यवहार सारी कुरीतियां त्याग दी।
प्रेम से परिपूर्ण एक-दूसरे के प्रति त्याग समर्पण की भावना,जो देखता इनके भाईचारे का कायल हो जाता.
कई साल गुजर गये..
एक दिन उनमें से एक लड़के को एक आइडिया सूझा कि सब तो सीधे हैं मैं इनके थोड़ेे पैसे चुरा लेता हूं और उसने चारों लड़कों के जेब से थोड़े थोड़े पैसे चुरा लिए।
चारों लड़कों में से किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि सब सीधे-साधे लोग थे।
अब उस पांचवें लड़के ने सोचा कि ये तो बहुत अच्छा हुआ और चोरी करता हूं ये लोग तो सब अभी भले आदमी हैं।
उसकी विलासेंद्रियां जागृत होने लगी थी और वह अब धीरे-धीरे उन पर हावी होने लगा..चोरी के साथ कूटनीति भी करने लगा..वो सबको अपने कंट्रोल में रखने लगा..उनके खून पसीने की कमाई को बैठकर मजे से लूटता और उन्हीं को आपस में लड़ाता।
चारों लड़के धीरे से हालात समझने लगे,अब वे नाराज होने लगे..गुस्सा करना भी सीखने लगे..और धीरे-धीरे बुराई का जन्म हो चुका था।

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