बातों बातों में उसने बताया कि वो कैसे अकेले स्कूटी में ही 7 घंटे सफर करके हरिद्वार,ऋषिकेश गयी थी।
मुझे एक पुरानी बात याद आ गई।
मैं तो ठीक एक साल पहले आज ही के दिन उत्तराखण्ड में था..मैंने उसे बताया भी था कि मैं अकेले आया,बहुत से नये-नये अनुभवों से गुजरा।जो ठीक ठाक मिला खा लिया..कहीं भी रूक गया लेकिन होटल नहीं किया।...
फिर मैंने उसे कहा था कि जून के आखिरी सप्ताह में आना..पहाड़ के सारे रंग देखने को मिलते हैं ठंडी गर्मी बरसात और इसके अलावा और भी बहुत कुछ।
उसने कहा था - "हां मैं कोशिश करूंगी"।
उसने इतना कहा मैं समझ गया था ये कभी न कभी अकेले निकल जायेगी घूमने।
मैं ये भी सोच रहा था कि क्या इस देश में अभी भी एक लड़की एक लड़के की तरह कहीं भी कभी भी घूम सकती है घूमना तो चलो ठीक है लेकिन रात को कहीं भी सो जाना ये कहीं से भी आसान नहीं होता एक लड़की के लिए।
मुझे एक पुरानी बात याद आ गई।
मैं तो ठीक एक साल पहले आज ही के दिन उत्तराखण्ड में था..मैंने उसे बताया भी था कि मैं अकेले आया,बहुत से नये-नये अनुभवों से गुजरा।जो ठीक ठाक मिला खा लिया..कहीं भी रूक गया लेकिन होटल नहीं किया।...
फिर मैंने उसे कहा था कि जून के आखिरी सप्ताह में आना..पहाड़ के सारे रंग देखने को मिलते हैं ठंडी गर्मी बरसात और इसके अलावा और भी बहुत कुछ।
उसने कहा था - "हां मैं कोशिश करूंगी"।
उसने इतना कहा मैं समझ गया था ये कभी न कभी अकेले निकल जायेगी घूमने।
मैं ये भी सोच रहा था कि क्या इस देश में अभी भी एक लड़की एक लड़के की तरह कहीं भी कभी भी घूम सकती है घूमना तो चलो ठीक है लेकिन रात को कहीं भी सो जाना ये कहीं से भी आसान नहीं होता एक लड़की के लिए।
लेकिन अब जो मैं कहने जा रहा हूं उसको आप ध्यान लगा के सुनना।
उसने वो सब कर दिखाया..जिसका मैंने ऊपर जिक्र किया है, जून का आखिरी सप्ताह वो और उसकी स्कूटी..।
हाल ही में वो तैरना भी सिख चुकी है।
उसने बताआ कि कैसे ऋषिकेश में उस लड़की ने स्थानीय लड़कों की मदद से ही झरने से झलांग लगाना सीखा।
उसने आगे जो बताया वो सच में अद्भुत था उसने कहा कि मैं रोज रात गंगा घाट में सोती थी।
मैं अब थोड़े देर के लिए ठहर गया..मुझे अब मिरांडा हाउस कालेज की शतरंज चैंपियन याद आ रही थी जिसने अपने दम पे अकेले यूरोप घूमा वो हरियाणा के एक गांव की लड़की थी उसने लिखा था कि मैं यहां यूरोप में कहीं भी कभी भी बेखौफ घूम सकती हूं।मुझे यहां कोई बंधन महसूस नहीं होता लड़के-लड़की के बीच का फर्क बहुत कम है.और हां मुझे यहां किसी तरह का डर नहीं लगता।
अब स्कूटी वाली लड़की पर वापस आते हैं उसने कहा कि उसे थोड़ा डर तो लग रहा था कि उसने बिना सोचे समझे ये प्लान कर लिया।
मैं बता नहीं सकता वो किन मनोवैज्ञानिक चुनौतियों से गुजर रही होगी।
लेकिन अब वो इस डर से आगे निकल चुकी थी..मैं समझ गया हूं कि अकेले में उसे इस पूरे सफर में क्या मिला है शायद ही उन सारे अनुभवों को वो शब्दों में बता पाए।
एक लड़की होने के नाते जब वो इन यात्राओं से होकर गुजरती है तो वो उन सारी लड़कियों में साहस भी जगाती है..लड़कियों की दिशा और दशा पर एक विमर्श खड़ा करती है।
शायद मैं उन लड़कियों तक अपनी बात पहुंचा पाऊं जो कभी घर से कहीं निकली ही नहीं।
खैर..
अकेले सफर करने वाले तो अपने साथ कुछ खास लेकर चलते हैं (वो खास क्या है मैं नहीं बताऊंगा)और जब लौटते हैं तो ढेर सारा आत्मविश्वास लेकर आते हैं।
उसने वो सब कर दिखाया..जिसका मैंने ऊपर जिक्र किया है, जून का आखिरी सप्ताह वो और उसकी स्कूटी..।
हाल ही में वो तैरना भी सिख चुकी है।
उसने बताआ कि कैसे ऋषिकेश में उस लड़की ने स्थानीय लड़कों की मदद से ही झरने से झलांग लगाना सीखा।
उसने आगे जो बताया वो सच में अद्भुत था उसने कहा कि मैं रोज रात गंगा घाट में सोती थी।
मैं अब थोड़े देर के लिए ठहर गया..मुझे अब मिरांडा हाउस कालेज की शतरंज चैंपियन याद आ रही थी जिसने अपने दम पे अकेले यूरोप घूमा वो हरियाणा के एक गांव की लड़की थी उसने लिखा था कि मैं यहां यूरोप में कहीं भी कभी भी बेखौफ घूम सकती हूं।मुझे यहां कोई बंधन महसूस नहीं होता लड़के-लड़की के बीच का फर्क बहुत कम है.और हां मुझे यहां किसी तरह का डर नहीं लगता।
अब स्कूटी वाली लड़की पर वापस आते हैं उसने कहा कि उसे थोड़ा डर तो लग रहा था कि उसने बिना सोचे समझे ये प्लान कर लिया।
मैं बता नहीं सकता वो किन मनोवैज्ञानिक चुनौतियों से गुजर रही होगी।
लेकिन अब वो इस डर से आगे निकल चुकी थी..मैं समझ गया हूं कि अकेले में उसे इस पूरे सफर में क्या मिला है शायद ही उन सारे अनुभवों को वो शब्दों में बता पाए।
एक लड़की होने के नाते जब वो इन यात्राओं से होकर गुजरती है तो वो उन सारी लड़कियों में साहस भी जगाती है..लड़कियों की दिशा और दशा पर एक विमर्श खड़ा करती है।
शायद मैं उन लड़कियों तक अपनी बात पहुंचा पाऊं जो कभी घर से कहीं निकली ही नहीं।
खैर..
अकेले सफर करने वाले तो अपने साथ कुछ खास लेकर चलते हैं (वो खास क्या है मैं नहीं बताऊंगा)और जब लौटते हैं तो ढेर सारा आत्मविश्वास लेकर आते हैं।
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