किसान आंदोलन के साथ सबसे ज्यादा जिम्मेदारी वाली चीज पता है क्या है, एक समर्थन करने वाला भी सोशल मीडिया में #farmersprotest लिख कर सप्ताह भर ट्विट करके तसल्ली नहीं कर सकता है। भारी मन से कह रहा हूं, किसान अभी भी मर रहे हैं, अभी भी आत्महत्याओं का दौर बदस्तूर जारी है, सरकार की ओर से दुर्व्यवहार अभी भी जारी है। सिर्फ कुछ दिन समर्थन दिखाकर, ट्विट कर, पोस्ट लिखकर, नारेबाजी कर, आंदोलन में कुछ दिन शामिल होकर आप इससे छुटकारा नहीं पा सकते हैं। यह बाकी आंदोलनों की तरह नहीं है कि कुछ दिन के लिए आए और चले गये। यह जन आंदोलन है। जन आंदोलन तब तक खत्म नहीं होते हैं, जब तक वे किसी मुकाम को नहीं पा लेते हैं, तो अगर समर्थन भी कर रहे हैं, तो अपने मन मस्तिष्क को एक लंबे समय के समर्थनकारी के रूप में तैयार कर लीजिए।
किसान आंदोलन को तीन महीने पूरे हो चुके हैं, इसके लिए सभी किसान भाईयों को साधुवाद और मृतक किसानों और उनके परिजनों को भावभीनी श्रध्दांजलि।
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