Wednesday, 24 February 2021

Happiness is getting Company of Malyali People

मैंने एक ऐसे कालेज में इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ाई की, जहाँ केरल के लोगों के लिए 50% कोटा था, इसलिए उस कालेज को मिनी केरल भी कहते थे। जब ये केरल के कपल मुझे मिले तो इन्होंने मानो कालेज के दिन याद दिला दिए। ये मुझे परसों खुड़ी गाँव में मिले थे, ये भी मेरे साथ Camel Safari में गये थे और रात उधर ही मरूस्थल में रूके थे। ठिकाना अलग-अलग था लेकिन सुबह हम एक जगह मिल गये। पता चला कि ये दोनों पिछले एक महीने से भारत के अलग-अलग कोने में बैकपैकिंग कर रहे हैं, सगाई हो चुकी है और शादी के ठीक पहले घरवालों को बिना बताए घूमने निकल गये हैं, मैंने कहा - घरवालों को कैसे संभालते हो तो उन्होंने कहा मंतर दे दे देते हैं। ये होता है हिम्मत वाला काम, जमाने को ठेंगा दिखाकर अपने मन की करना। इन्होंने एक गजब की बात कही - "जब हमको पता है हमें साथ रहना है तो हम अभी से ये जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसको इस बात से समस्या होनी हो होती रहे, हमें फर्क नहीं पड़ता है। हम अपनी जिंदगी दूसरों की नसीहतों के हिसाब से नहीं जी सकते हैं।"

वैसे मेरे घरवालों को भी अभी तक नहीं पता है कि मैं भारत भ्रमण पर हूं, किसान आंदोलन में था वो बस पता था, कुछ चीजें या हर चीज घरवालों को नहीं बतानी होती है, ये बात ऐसे कपल ही समझ सकते हैं।

ये कपल जब मलयालम में बातें कर रहे थे, तो अपने कालेज के दिनों को याद करते हुए मैंने कहा - " See, Malyali is very tough, you know during my engineering days i have learned only two words - Poda and patti. " और फिर यह सुनकर वे हंसने लग गये‌। पहले दिन मेरी बातें लड़की से ही होती रही, आधे-आधे घंटे तक हम दोनों ही बात करते रहे और लड़का शांत सा बैठा रहता। मुझे एक पल‌ के लिए लगा कि कहीं वो नाराज होकर तो शांत नहीं है फिर मैंने अपनी ओर से बात रखना कम कर दिया। 

परसों 23 Feb को जब हम खुड़ी में थे तो उन्होंने मेरे आगे के प्लान के बारे में पूछा तो मैंने इन्हें बताया कि अभी कल से यानि 24 Feb से जैसलमेर में मरू फेस्टिवल होने वाला है, और मैं कुछ दिन जैसलमेर रहूंगा। यह सुनकर उन्होंने भी मेरी तरह अपना आगे का स्टे बढ़ा लिया और दो दिन के लिए जैसलमेर में रूकने का प्लान बना लिया वरना वे आगे चले जाते, उन्होंने मरू फेस्टिवल के बारे में जानकारी देने के लिए मेरा शुक्रिया अदा किया। 

कल जब हम जैसलमेर में मिले तो लड़की ने मुस्कुराते हुए बताया कि उसका मंगेतर अंग्रेजी ठीक से बोल नहीं पाता है इसलिए थोड़ा चुप रहता है, अपने मंगेतर के सामने उसने यह बात कही मैं उनकी इस सहजता को देखकर खुश हो गया। कल रात के 10 से 12 बजे तक हम वहीं उनके हाॅस्टल में बैठकर बातें करते रहे, हम यानि वो लड़की का मंगेतर तो ज्यादा बात कर नहीं सकता था हम ही दोनों बतिया रहे थे, लेकिन लड़के को इससे कोई समस्या नहीं थी, वह एक अच्छे श्रोता की तरह मुस्कुराते हुए हमारे साथ बना हुआ था। 

जब मैं उनसे मिलने उनके हाॅस्टल गया और जब विदा ले रहा था तो उन्होंने कहा - Da, thanks to you, we are very happy that we get your company. You are most welcome in Kerala.






No comments:

Post a Comment