Thursday, 25 February 2021

A day well spent in Jaisalmer with Malyali People

आज हमारे केरल के इन साथियों को आगे जाना था, रात के दो बजे इनकी ट्रेन थी तो अभी थोड़े देर पहले ही इन्हें बाइक से छोड़कर आया हूं, मैं दो दिन और जैसलमेर में रूकूंगा क्योंकि मरू महोत्सव का असली आकर्षण तो अभी बचा हुआ है।

तो हुआ यूं कि कल जब हम मिले थे तो इन्होंने मेरे भारत भ्रमण के बारे में पूछा और मैंने इन्हें यह भी बताया कि मेरे एक साथी दोस्त ने मेरी तस्वीरों का एलबम बनाकर मुझे दिया है, तो उन्होंने इस बात को पकड़ लिया और लड़की ने तो एलबम देखने की जिद कर ली। एक तस्वीर में आप देख सकते हैं, वो फोटो एलबम सामने है और वे चर्चा करने में मशगूल हैं, इन्होंने इस एलबम की एक एक फोटो को जितने समय तक देखा शायद मैंने भी न देखा होगा, हर तस्वीर को देखने के बाद उसके बारे में मुझसे पूछते और अपनी चीजें भी शेयर करने लग जाते। एलबम को देखते हुए लड़की ने कहा - तुम्हारे दोस्त ने कितनी शिद्दत से और मेहनत से इसे तैयार किया है, इसमें तुम्हारी नई पुरानी सारी तस्वीरें है, कितनी कहानियाँ हैं इसमें, खुशकिस्मत हो तुम।

रात के 12 बजे जब वे स्टेशन जाने के लिए आटो खोजने की बात करने लगे तो मैंने कहा समय व्यर्थ मत करो, मैं तुम लोगों को छोड़कर आ जाता हूं, और दो बार ट्रिप मारके फिर मैं उन्हें रेल्वे स्टेशन तक छोड़कर आया। जब मैंने उनके बैगपैक को उठाया तो दंग रह गया, 20 किलो से ज्यादा ही वजन होगा, साथ में लैपटाॅप वाला बैग भी लेकर चल रहे हैं, साधुवाद है इस जिजीविषा को।

जब हम स्टेशन में बैठे थे तो लड़की ने कहा कि मैं कुर्ते पजामा में बहुत अच्छा लग रहा हूं, मुझे इस ड्रेसिंग सेंस को फाॅलो करते रहना चाहिए। ऐसा कहने के बाद उसने कहा चलो मुझे चाकलेट दो, वो चाकलेट का एड है न उसमें कहते हैं कि जब हम किसी की तारीफ करते हैं तो सामने वाला चाकलेट देता है, मैं कुछ सेकेंड शांत रहा फिर अपने बैग से मैंने किसान वाले बैच निकाले और मैनें उन्हें दिया, साथ में कुछ स्टीकर भी दिए। इन चीजों को देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था, उनके चेहरे में एक अलग ही खुशी थी। लड़की ने किसान वाले बैच को तुरंत अपने बैग में लगा लिया। लड़के ने मुझसे टूटी फूटी अंग्रेजी में कहा - तुमने अपना घूमना बंद कर एक महीना आंदोलन में समय दिया, यह बहुत बड़ी बात है, हम कुछ जागरूकता वाला काम नहीं कर रहे हैं, बस घूम रहे हैं, हमने भी सोचा है कि कुछ दिन किसान आंदोलन में जाएंगे।

मेरी गाड़ी में लगे स्टिकर को भी देखते हुए उन्होंने कहा - तुम्हारी सबसे अच्छी चीज यही है, उन्होंने कहा कि मैं बहुत अच्छा काम कर रहा हूं और वे बात से बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं। आगे उन्होंने यह भी कहा (भावुक होते हुए) कि वे इस बात के लिए तकलीफ भी महसूस करते हैं कि भारत के आम लोग इतना बड़ा जन आंदोलन कर रहे हैं, और वे अभी तक उसका हिस्सा नहीं बन पाए हैं। मैंने कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा, कभी भी जाकर देख आना, अभी के लिए मन से ही जुड़े रहो।

मुझे फोटो खींचने का ध्यान ही नहीं था, उन्होंने ही मेरा फोन पकड़ा और जाने से पहले सेल्फी खीच ली। मैंने भी जाते-जाते उनकी तस्वीर खींची, लड़की ने किसान वाले बैच को दिखाते हुए ये जो पोज दिया इसे देखकर ही समझा जा सकता है कि वे किसानों के आंदोलन को लेकर क्या महसूस करते हैं।

Day 117






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