Tuesday, 3 December 2024

समय ही भगवान है

135 दिन लगातार भारत घूमने को जब पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि वह सिर्फ घूमना मात्र नहीं था, बल्कि जिंदगी से मैंने वो 135 दिन अपने लिए चुराए थे, छीन के लिए थे उतने दिन खुद के साथ बिताने के लिए, अपने मन की चीजें करने के लिए, अपनी स्वतंत्रता को जीने के लिए। यह भी समझ आया कि समय का क्या महत्व होता है। उस दौरान बहुत से लोग मिले जो महीनों से घूम रहे थे लेकिन साथ में कुछ काम भी करते रहते थे, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं था, मैं नौकरी छोड़ के सिर्फ और सिर्फ घूम रहा था, उस एक काम के अलावा मैं कोई भी दूसरा काम नहीं कर रहा था। मुझे अपने जैसा स्वतंत्र तरीके से घूमने वाला एक भी इंसान नहीं मिला, हर कोई कुछ न कुछ अपने साथ लादकर ही घूम रहा था।

एक चीज यह भी समझ आई कि अच्छे से अच्छे दिमागदार और दौलतमंद इंसान के पास भी दुनियावी सुविधाओं और वस्तुओं के नाम पर सब कुछ है लेकिन जीने लायक पर्याप्त समय नहीं है।

उस लंबे सफर ने यही सिखाया कि समय ही भगवान है‌।

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