1. मेनस्ट्रीम मीडिया में कुछ और ही रिपोर्टिंग होती है, ग्राउण्ड में हकीकत बिल्कुल अलग है।
2. आधिकारिक पेज पर दिन भर की गतिविधियों की रिपोर्टिंग हूबहू किसान आंदोलन की तर्ज पर ही हो रही है।
3. लोग नि:स्वार्थ भाव से, मन से इस पदयात्रा से जुड़ रहे हैं।
4. तिरंगा हर तरफ किसान आंदोलन में देखने को मिला, यहां भी है।
5. किसान आंदोलन एक बहुत ही अधिक शांत और व्यवस्थित आंदोलन था, कोई चूक हो भी जाती थी, तो तुरंत व्यवस्था कायम हो जाती थी, यह तत्व यहाँ भी है।
6. किसान आंदोलन के खिलाफ जितने भी तरह के दुष्प्रचार हुए, सारे बैकफायर कर गए, यहाँ भी ऐसा देखने को मिल रहा है।
7. किसान आंदोलन की तरह इस यात्रा की अपनी एक अलग आबोहवा है, जो जाकर महसूस करेगा सिर्फ वही बेहतर तरीके से इसे समझ सकता है।
8. आंदोलन हमारे जिंदा होने के अहसास को और अधिक मजबूत करता है, वह अहसास इस पदयात्रा में भी है।
2. आधिकारिक पेज पर दिन भर की गतिविधियों की रिपोर्टिंग हूबहू किसान आंदोलन की तर्ज पर ही हो रही है।
3. लोग नि:स्वार्थ भाव से, मन से इस पदयात्रा से जुड़ रहे हैं।
4. तिरंगा हर तरफ किसान आंदोलन में देखने को मिला, यहां भी है।
5. किसान आंदोलन एक बहुत ही अधिक शांत और व्यवस्थित आंदोलन था, कोई चूक हो भी जाती थी, तो तुरंत व्यवस्था कायम हो जाती थी, यह तत्व यहाँ भी है।
6. किसान आंदोलन के खिलाफ जितने भी तरह के दुष्प्रचार हुए, सारे बैकफायर कर गए, यहाँ भी ऐसा देखने को मिल रहा है।
7. किसान आंदोलन की तरह इस यात्रा की अपनी एक अलग आबोहवा है, जो जाकर महसूस करेगा सिर्फ वही बेहतर तरीके से इसे समझ सकता है।
8. आंदोलन हमारे जिंदा होने के अहसास को और अधिक मजबूत करता है, वह अहसास इस पदयात्रा में भी है।
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