सड़क 2 फिल्म का ट्रेलर वीडियो डिसलाइक करने में और मन की बात का वीडियो डिसलाइक में एक समानता है वो यह कि दोनों घटनाएँ आजाद भारत में एक विशिष्ट तरह की क्रांति लेकर आई हैं, अब वनटच से घर बैठे सब कुछ हो जाएगा। जैसे उस फिल्म की वीडियो डिसलाइक करने से नेपोटिज्म खत्म हो गया, ठीक वैसे ही मन की बात की वीडियो डिसलाइक करने से रातों रात ही राष्ट्रीय चेतना अनुप्राणित हो गई, युवाशक्ति जागृत हो गई।
दस बजे तक जब होटल खुल सकते हैं तो परीक्षा भी हो सकती है और बस ट्रेन भी चल सकती है।
नासा से बहुत पहले हमारे दादाओं ने UFO देखा हुआ था, बस वे उसे सफेद भूत कहा करते थे।
पत्थरों को हटाकर चूल्हा बना रखा है, शहर में थोड़ा सा गाँव बचा रखा है।
एंटी डिप्रेशन कैंपेन चलाने वाला समाज ही आज उसकी जीवित प्रेमिका को मारने पर उतारू है।
बच्चा भ्रष्टाचार वहीं से सीख जाता है जब उसे होमवर्क के एवज में चाॅकलेट दिया जाता है।
पूरा देश सरकारी कंट्रोल में है, एक फेसबुक के कंट्रोल कर देने पर कैसा आश्चर्य....!
हम भारतीयों की पाचनशक्ति कमजोर होने की एक बड़ी वजह बार-बार थूकना और कुल्ला करना है।
कभी-कभी लगता है जैसे भारत युवाओं का देश बस सरकारी आँकड़ों में है। क्योंकि जैसी फुर्ती यूरोपियन और अन्य कुछ विकसित देशों के 40 पार के उम्र के लोगों की होती है, उतनी फुर्ती वाला जीवन भारत के 25 के उम्र के युवा भी न जीते होंगे। जैसे भारत में लोकतंत्र बस कागज में दिखाने के लिए है, ठीक वैसे ही युवाओं का देश भी बस संख्याबल दिखाने तक सीमित है।
बादशाह और प्रतीक कुहड़ सरीखे गायकों को सुनने वाले को ही Bandish Bandits जैसी फैंसी वेब सीरीज में शास्त्रीय संगीत नजर आ सकता है।
जब हम मुस्कुराते हैं, तो हमारी आँखें भी मुस्कुराती हैं।#मास्कमय_जीवन
न तुम्हें 4 करोड़ की स्काॅलरशिप मिलती, न तुम्हारी मौत पर इतना हंगामा होता।
सिविल सेवकों को हमेशा ये देश समाज के लिए ही कुछ करना क्यों होता है?
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