जब जियो सिम आया था तो जियो वालों ने यह नहीं कहा था कि एयरटेल, आइडिया और बाकी कंपनियाँ बंद हो जाएंगी। अब शुरू से देखते हैं जब जियो आया मुफ्त में सिम, मुफ्त में डेटा। इससे पहले जियो ने बहुत से सरकारी संस्थानों, पार्क आदि में जियोफाई बनने का काम किया, सिम तो बाजार में बाद में आया। शायद जियोफाई, जियो के सिम को लाने के लिए एक ट्रायल रहा होगा। क्योंकि जियोफाई की स्पीड इतनी जबरदस्त रही कि पार्क आदि में घंटों बस उस स्पीड का आनंद लेने के लिए लोगों की भीड़ देखते बनती थी। "इंटरनेट का लुफ्त उठाते युवा" बकायदा ऐसी न्यूज बनती थी वो भी धड़ल्ले से, क्यों ये सब होता था, समझदार के लिए इशारा काफी है।
फिर एक दिन मार्केट में जियो का सिम आता है, टेक्नोलॉजी के कीड़े जिन लोगों ने शुरुआत में सिम लिया, उन्होंने बताया कि काल इंटरनेट सब कुछ फ्री है, सिम भी फ्री है, अनलिमिटेट इंटरनेट है, धासू स्पीड है, लोग पागल हुए जा रहे थे, मुझे यह सब देखकर भयंकर हंसी आ रही थी और साथ ही उस फोकटछाप डेटा वितरण के पीछे की खतरनाक मंशा भी साफ दिखाई दे रही थी, तब हँस ही सकते थे। अंबानी रातों रात इंटरनेट के कीड़ों के भगवान बन चुके थे। एक ने बताया कि उसने एक दिन में 50 GB से अधिक की फिल्में आदि डाउनलोड कर ली। यहाँ तक सब कुछ अनलिमिटेड ही रहा, फिर दिखना शुरू हुआ जियो के नशे का असली स्वरूप। अब एक दिन में अनलिमिटेड डाउनलोड की लिमिट 30 GB कर दी गई, फिर 10 GB कर दी गई, फिर 4 GB और फिर शायद 2 GB में आकर मामला रूक गया। तब तक जियो के सिम का नशा मार्केट में फैल चुका था, बाकी सारी सिम कंपनियां प्रतिस्पर्धा से बाहर। और फिर जब सबको नशे की लत लगा दी तब जियो ने वापस अपने पैसे वसूलने शुरू कर दिये। आपने खुद से कभी पूछा कि जिस डोंगल के माध्यम से प्रति महीना 10 GB डेटा में आपका बड़े से बड़ा काम हो जाता था, आज रोज के 1,2 GB में भी आप तड़पते रहते हैं, किसने आपको ये लत लगाई पूछिए खुद से।
आज आप बताइए डोकोमो, एयरसेल जैसी कंपनियाँ कहाँ हैं? वही डोकोमो जो एक समय में काॅल और इंटरनेट की बेहतरीन सुविधाएँ दे रहा था, झटके से गायब हो गया। मैंने डोकोमो के बंद होने तक उसकी सुविधाएँ ली थी, फिर अंतत: विवश होकर पोर्ट करना पड़ा। डोकोमो तो छोटी कंपनी रही, आइडिया और वोडाफोन जैसी कंपनियाँ भी जब घाटा नहीं झेल पाई, तो आज मिल के "VI" हो गई। जियो ने बस एक काम किया, उसने सबको मार्केट से हटा दिया, कोई प्रतिस्पर्धा करने लायक नहीं बचा।
किसान बिल में जो किसानों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी सरकार जबरदस्ती देने के लिए इतनी हड़बड़ी कर रही है, यह वही है, सरकार कहीं भी नहीं कह रही कि मंडी खत्म होगी। जियो ने भी नहीं कहा था कि डोकोमो एयरसेल खत्म होगा, लेकिन हो गया। रिलायंस पेट्रोलियम जो बंद हो चुका था, जो फिर से पैदा हो चुका है, उसने भी नहीं कहा है कि भारत पेट्रोलियम और बाकी सार्वजनिक उपक्रम बंद होंगे, लेकिन तलवार सब पर लटक रही है। ठीक वही तलवार आज किसानों के ऊपर लटकाने की तैयारी है। जियो के फ्री डाटा की तरह प्राइवेट वाले शुरूआती वर्षों में इतना फायदा देंगे, इतने आफर देंगे कि किसान खुद कहेगा कि यही ठीक है चलो सिम पोर्ट करने की तरह मंडी खत्म करो, हम आपके कस्टमर हुए। और फिर असली रंगदारी शुरू होगी और किसान गुलाम बना दिए जाएंगे, आम इंसान गुलाम बना दिया जाएगा। इसी का विरोध पिछले दो महीनों से चल रहा है।
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