Wednesday, 16 October 2019

Brain Drain

सारे पढ़े-लिखे समझदार लोगों ने,
अनपढ़, मूर्ख, जाहिल, देहाती जनमानस का नेतृत्व संभाला,
सुबह से शाम मानवता की बातें करते इन लोगों ने,
पैसों के प्रति इनकी भूख ने, हवस ने,
जंगलें को साफ किया, नदी झील तालाब सूखा दिए,
और उन्होंने बसा दी वहाँ गगनचुंबी ईमारतें,
और इसको उन्होंने शहर का नाम दे दिया,
इसमें उन्होंने सड़कों तक को नहीं छोड़ा,
वहाँ भी गाड़ियों की लड़ी बिछा दी,
इस पूरी प्रक्रिया में वे हद तक खोखले होते गये,
ये इस कदर बेहोश और नशे में चूर थे,
कि उन्होंने अपनी दिमाग की नसें, अपनी बुध्दि तक सुखा ली।

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