आज बाल कटवाने पहली बार एक बड़े सेलून को गया।
सीट पर बैठा..उसने मेरे लंबे बिखरे बालों को देखकर कहा-भैया शैम्पू करना पड़ेगा बाल बहुत रफ हो गया है मैं बोला नहीं लगेगा बस हेयर कट कर दो।
मैं उसकी मंशा भलीभांति समझ चुका था।
थोड़ा सा पछतावा भी हो रहा था कि क्यों बेकार इस बड़े सेलून में आ गया।
पर क्या करें आज का आलाप तो यही है कि जहां ज्यादा सफाई दिखी इंसान वही जाना पसंद करता है।
फिर उसने पूछा कि कैसे काटना है मैं बता के अपना चुप हो गया।
वो भी शांत था।
फिर उसने धीरे से बात निकाली,कहने लगा- भैया आजकल तो 15 अगस्त का पहले जैसा माहौल ही नहीं है।
मैं हां हां बोलने लगा।
मेरे को समझ आ गया था कि ये जबरन की बात निकाल के कहीं न कहीं अपना emotional intelligence मुझपर थोपने वाला है।
और उसने आगे वही किया।
वो ढेर सारी बातें करने लगा तो मैंने भी उसे नापने के वास्ते पूछ लिया कि आप कहां से हैं?
उसे अब मुद्दा मिल गया।
बताने लगा कि मैं दंतेवाड़ा से हूं।मेरे पापा NMDC से रिटाएर्ड हैं।मैं भी NMDC में कोशिश किया पैसा भी दिया था एक नेताको, लेकिन नहीं हुआ..Indo Taiwan force में भी कोशिश किया वहां भी नहीं हुआ।
मैं बीच में टोका कि अच्छा ITBP,भैया उसका हेड आफिस तो हिमाचल में है मैं गया हूं वहां।वो मेरी हां में हां मिला दिया।
और आगे इंग्लिश के शब्दों का सहारा लेते हुए psc upsctech nontech इससे जुड़ी तमाम सतही बातें करना लगा।
अब मुझे समझ आ गया कि ये आदमी mediocre है और डींगें हांक रहा है।जहां तक मुझे याद है इंडो ताइवान फोर्स नाम की कोई चीजनहीं है..अगर है तो ITBP(Indo tibetan border force) और इन सब फोर्सेस का हेडक्वाटर दिल्ली में होता है।अगर वो सच बोल रहा होता तो मेरी इस गलती पर उसका ध्यान जरूर गया होता।
अब वो बोलने लगा कि भैया हेयर स्पा करा लिया करो।
मैं बोला कि मुझे इन सब चीजों की जरूरत नहीं है मेरे बाल अभी बहुत सही हालत में हैं।
वो फिर बोला कि भैया फायदा हो रहा है तभी तो लोग करा रहे हैं बुड्ढे लोग भी कराते हैं अच्छा दिखने के लिए।
मैंने भी अपनी त्यौरियां चढ़ाते हुए कहा- मैं क्या अच्छा नहीं दिख रहा इन बालों में।
वो बोला- नहीं आपके बाल भी ठीक हैं लेकिन स्पा से बालों को ये मिलता है वो मिलता है और तरह तरह की बातें।
उस सेलून वाले को क्या पता कि मेरी मां ने मुझे संस्कारों के अलावा भी बहुत कुछ दिया है।भले मेरी मां कम पढ़ी है लेकिन उसने मुझे संस्कारों के बाद कोई दूसरी कीमती चीज सिखाई है तो वो है घरेलू नुस्खे।भगवान करे मैं इतना लाचार कभी न बनूं कि मुझे कहीं बैठकर अपने बालों को शैम्पू करवाना पड़े।
एक बार को सोचा कि बोल दूं कि भैया आपकी अनुकंपा के लिए शुक्रिया।ये पहली बार किसी बड़े सेलून में आया हूं,मोह भंग मत होने दीजिए।मैं यहां बस बाल कटाने आया हूं आप मुझे ये Add-on पैक्स की जानकारी देना बंद कीजिए।मुझे नहीं चाहिए।
फिर वो बोला कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड हैं?
मैं बोला - नहीं है।
अब वो परिहास करने लगा।
मेरे बाल कट चुके थे।
वो बोला - देवदास की तरह मत रहो भैया।
उस वक्त बिना कुछ बोले गंभीर मुस्कुराहट देते हुए मैंने बात खत्म की।
पता है क्यों,क्योंकि जिसके पास जो होता है वो बदले में वही देता फिरता है।
उस नासमझ को तो मैंने उसी वक्त माफ कर दिया जब उसने देवदास कहा,उसे तो ये भी नहीं पता कि देवदास होने के लिए पारो की जरूरत होती है।
लगे हाथ बाबू शरत चंद्र का भी अपमान कर दिया उसने।
सीट पर बैठा..उसने मेरे लंबे बिखरे बालों को देखकर कहा-भैया शैम्पू करना पड़ेगा बाल बहुत रफ हो गया है मैं बोला नहीं लगेगा बस हेयर कट कर दो।
मैं उसकी मंशा भलीभांति समझ चुका था।
थोड़ा सा पछतावा भी हो रहा था कि क्यों बेकार इस बड़े सेलून में आ गया।
पर क्या करें आज का आलाप तो यही है कि जहां ज्यादा सफाई दिखी इंसान वही जाना पसंद करता है।
फिर उसने पूछा कि कैसे काटना है मैं बता के अपना चुप हो गया।
वो भी शांत था।
फिर उसने धीरे से बात निकाली,कहने लगा- भैया आजकल तो 15 अगस्त का पहले जैसा माहौल ही नहीं है।
मैं हां हां बोलने लगा।
मेरे को समझ आ गया था कि ये जबरन की बात निकाल के कहीं न कहीं अपना emotional intelligence मुझपर थोपने वाला है।
और उसने आगे वही किया।
वो ढेर सारी बातें करने लगा तो मैंने भी उसे नापने के वास्ते पूछ लिया कि आप कहां से हैं?
उसे अब मुद्दा मिल गया।
बताने लगा कि मैं दंतेवाड़ा से हूं।मेरे पापा NMDC से रिटाएर्ड हैं।मैं भी NMDC में कोशिश किया पैसा भी दिया था एक नेताको, लेकिन नहीं हुआ..Indo Taiwan force में भी कोशिश किया वहां भी नहीं हुआ।
मैं बीच में टोका कि अच्छा ITBP,भैया उसका हेड आफिस तो हिमाचल में है मैं गया हूं वहां।वो मेरी हां में हां मिला दिया।
और आगे इंग्लिश के शब्दों का सहारा लेते हुए psc upsctech nontech इससे जुड़ी तमाम सतही बातें करना लगा।
अब मुझे समझ आ गया कि ये आदमी mediocre है और डींगें हांक रहा है।जहां तक मुझे याद है इंडो ताइवान फोर्स नाम की कोई चीजनहीं है..अगर है तो ITBP(Indo tibetan border force) और इन सब फोर्सेस का हेडक्वाटर दिल्ली में होता है।अगर वो सच बोल रहा होता तो मेरी इस गलती पर उसका ध्यान जरूर गया होता।
अब वो बोलने लगा कि भैया हेयर स्पा करा लिया करो।
मैं बोला कि मुझे इन सब चीजों की जरूरत नहीं है मेरे बाल अभी बहुत सही हालत में हैं।
वो फिर बोला कि भैया फायदा हो रहा है तभी तो लोग करा रहे हैं बुड्ढे लोग भी कराते हैं अच्छा दिखने के लिए।
मैंने भी अपनी त्यौरियां चढ़ाते हुए कहा- मैं क्या अच्छा नहीं दिख रहा इन बालों में।
वो बोला- नहीं आपके बाल भी ठीक हैं लेकिन स्पा से बालों को ये मिलता है वो मिलता है और तरह तरह की बातें।
उस सेलून वाले को क्या पता कि मेरी मां ने मुझे संस्कारों के अलावा भी बहुत कुछ दिया है।भले मेरी मां कम पढ़ी है लेकिन उसने मुझे संस्कारों के बाद कोई दूसरी कीमती चीज सिखाई है तो वो है घरेलू नुस्खे।भगवान करे मैं इतना लाचार कभी न बनूं कि मुझे कहीं बैठकर अपने बालों को शैम्पू करवाना पड़े।
एक बार को सोचा कि बोल दूं कि भैया आपकी अनुकंपा के लिए शुक्रिया।ये पहली बार किसी बड़े सेलून में आया हूं,मोह भंग मत होने दीजिए।मैं यहां बस बाल कटाने आया हूं आप मुझे ये Add-on पैक्स की जानकारी देना बंद कीजिए।मुझे नहीं चाहिए।
फिर वो बोला कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड हैं?
मैं बोला - नहीं है।
अब वो परिहास करने लगा।
मेरे बाल कट चुके थे।
वो बोला - देवदास की तरह मत रहो भैया।
उस वक्त बिना कुछ बोले गंभीर मुस्कुराहट देते हुए मैंने बात खत्म की।
पता है क्यों,क्योंकि जिसके पास जो होता है वो बदले में वही देता फिरता है।
उस नासमझ को तो मैंने उसी वक्त माफ कर दिया जब उसने देवदास कहा,उसे तो ये भी नहीं पता कि देवदास होने के लिए पारो की जरूरत होती है।
लगे हाथ बाबू शरत चंद्र का भी अपमान कर दिया उसने।
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