Monday, 3 May 2021

भारत की वैक्सीन के प्रोडक्शन में कुछ तो गड़बड़ है -

पिछले एक दो महीने में पूरे भारत में जमकर वैक्सीनेशन हुआ है, जिन लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है, भले उनमें से 90% लोगों को मामूली सर्दी बुखार हुआ हो, या कुछ भी न हुआ हो, लेकिन ये लोग जमकर अन्य लोगों के संपर्क में आए हैं। पूरे भारत भर में ये चीज हुई है। 

वैक्सीन पर शक नहीं है, सरकार की नियत पर भी शक नहीं है, लेकिन कुछ तो प्रोडक्शन में गड़बड़ हो रहा होगा तभी बड़े स्तर पर वैक्सीन लेने के तुरंत बाद बहुत लोगों को जो स्वस्थ थे, उन्हें गंभीर बीमारियाँ हुई है, कई कई गाँवों में दर्जनों लोग निपट चुके हैं, आपको मानना है मानिए, नहीं मानना है मत मानिए, जिनका अपना इस दुनिया में नहीं है, उन्हें हकीकत पता है।

अभी एक महीने में अचानक से कोरोना का सेकेण्ड वेव आ गया, इस बात में भी कोई शक नहीं है, लेकिन अचानक से कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से बंगाल हर जगह लोगों का आक्सीजन लेवल डाउन हो जाना और तड़प-तड़प कर मर जाना, जबकि लोगों की आवाजाही एक जगह से दूसरी जगह वैसी नहीं रही है जैसे सामान्य दिनों में होती थी, फिर भी पूरे देश में सेकेण्ड वेव के बाद एक ही तरीके से लोगों में संक्रमण का अचानक फैल जाना वो भी एक दो सप्ताह में ही और सीधे मृत्यु। जब से वैक्सीनेशन शुरू हुआ उसके बाद से ही ये अचानक से सेकेण्ड वेव वाली चीजें होनी शुरू हो गई, इससे पहले इतनी मेडिकल एमरजेंसी वाली चीज नहीं थी। और यह पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही हो रहा है, बहुत लोग मर रहे हैं, बहुत ज्यादा लोग मर रहे हैं, जितना सरकारी डाटा है उसको 30 या 40 से गुणा कर लीजिए। तब भी शायद वास्तविकता हाथ नहीं आएगी। 

कोरोना का सेकेण्ड वेव आया, और एक दो हफ्ते में ही पूरे देश के अलग-अलग कोने से अधिकतर लोग आक्सीजन और जीवनरक्षक दवाईयों के लिए हाँफने लगे, इस बात पर यकीन करना मुश्किल जान पड़ता है। एक ओर जहाँ मास लेवल पर पूरे देश में वैक्सीनेशन की गई, क्या पता उन लोगों से कोरोना का ऐसा म्यूटेंट फैला हो, जो सीधे फेफड़ा डैमेज करता हो। कोरोना अपने आप को लगातार बदल रहा है, तो इस बात की भी पूरी संभावना है कि जिसके शरीर में वैक्सीन गया है, उस शरीर में भी एक नये म्यूटेंट के लिए जगह तैयार कर रहा हो। ये सिर्फ एक कयास भर है कि अगर ऐसा हुआ है तो यह भयावह है, पूरी दुनिया में सिर्फ हम ही आए दिन इतने लोगों की मौत देख रहे हैं, दुनिया के और किसी देश में वैक्सीन के इतने साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं, कुछ तो प्रोडक्शन में गड़बड़ी है।

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