ये पोस्ट सिर्फ उनके लिए है जिन्होंने दिल्ली के बार्डर में हो रहे किसान आंदोलन को प्रत्यक्ष सामने से नहीं देखा है। ये नजारा बहादुरगढ़ वाली रोड यानि टिकरी बाॅर्डर का है, किसान आंदोलन की वजह से कितना सड़क जाम हो रहा है, नहीं हो रहा है, मीडिया क्या दिखा रही है, आप इस तस्वीर से समझ सकते हैं, इस तस्वीर में आपको एक आइडिया मिल जाएगा कि किसान कैसे पिछले चार महीनों से सड़क को ही अपना घर बना बैठा है, बस इसलिए ताकि आने वाली नस्लें इतनी गुलाम ना बन जाएं कि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना ही भूल जाएं। ये रोड बहुत अच्छी है, एक तरफ किसानों की बसावट है, और दूसरा साइड पूरा खाली रहता है, मैं खुद कई बार इस रास्ते से गुजरा हूं, गाड़ी चलाने वाला चाहे तो आराम से 100 से अधिक की गति से गाड़ी चला ले। इसी वजह से कई बार कुछ एक किसानों की दुर्घटना में मौत भी हो गई क्योंकि बीच में कहीं डिवाइडर नहीं है। आपको किसानों की हुंकार सुननी है तो गाॅजीपुर बार्डर जाएं, है सबसे छोटा लेकिन यूट्यूब में सबसे ज्यादा कटेंट वहीं से आ रहा है। अगर आपको किसानों की दिलेरी देखनी है तो सिंघु बार्डर जाइए, आपको वहाँ सारे रंग देखने को मिलेंगे, और हो भी क्यों न, आंदोलन जो यहीं से शुरू हुआ था। और अगर आपको किसानों का धैर्य देखना है तो टिकरी बाॅर्डर जाइए, सबसे शांत लेकिन ये बार्डर अपने भीतर बहुत कुछ लेकर बैठा है। सरकार को अगर किसी बाॅर्डर से सबसे अधिक घबराना चाहिए तो वह टिकरी बाॅर्डर है। टिकरी बाॅर्डर सबसे बड़ा है, 16 किलोमीटर लंबाई में फैला हुआ है, सोचिए कैसा नजारा होगा। मैं गया था तो घूमते घूमते थक गया था, दोपहर से शाम हो गई थी।
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