Monday, 5 April 2021

Lagging in Corona Cases Calculation -

जैसे अगर कोई ट्रेवलर लगातार घूम रहा है, और सोशल मीडिया में अपनी चीजें अपडेट कर रहा है, तो कई बार क्या होता है कि उनके अपडेट में लैग रहता है यानि वे अपडेट करने में कुछ दिन पीछे चल रहे होते हैं, पुराना अपडेट डाल रहे होते हैं, मैं आल इंडिया राइड कर रहा था तो सिर्फ एक दिन ऐसा करना पड़ गया था क्योंकि उस दिन अपडेट करना भूल गया था तो अगले दिन अपडेट किया था।

कोरोना के आँकड़ों के साथ भी ऐसा ही है, आँकड़ों का भौकाल बहुत जबरदस्त होता है, जितना बड़ा नंबर आप टीवी में अखबार में देखेंगे, उतना आपका डर बढ़ेगा, आप खुद ही कठोर नियम बनाने की माँग करेंगे, लाॅकडाउन की माँग करने लगेंगे, यानि आप खुद ही सरकार के हाथ में कोड़ा देंगे और पीठ दिखाकर कहेंगे कि लीजिए नीलापन आते तक मारिए, सरकार का योगदान इसमें बस यही रहेगा कि आपके सामने कोड़ा लाकर रख देगी, फिर बाकी आगे का काम आप आसान कर ही देंगे। कोरोना के आँकड़ों के साथ मोटा मोटा यही हो रहा है, केस पड़ा हुआ है, करोड़ों की संख्या में डाटा पड़ा है, अपडेट आज करो, कल करो, महीने चार महीने बाद करो, क्या फर्क पड़ता है। 

जैसे आज अगर मीडिया में 10,000 कोरोना केस और 50 लोगों के मृत्यु की खबर दिखाई जा रही है, क्या पता वास्तव में कुल 1000 केस आए हों और 5 लोगों की मृत्यु हुई हो और बाकी डेटा पुराना बैकलाॅग वाला जोड़ दिया गया हो, आपको कौन सा एक-एक व्यक्ति का नाम बताया जा रहा है, कोई माँगेगा भी नहीं। 

बहरहाल मैं आईपीएल के फिर से शुरू होने के इंतजार में हूं तब तक कोरोना के इस स्टेज-2 के खत्म होने की पूरी संभावना है, मुझे जम्बूद्वीप के लोगों के भूलने की परंपरा और सरकारी तंत्र की लैगिंग वाली इस बैटिंग पर पूरा भरोसा है।

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