Sunday, 2 February 2020

तुम्हारे लिए - एक कविता

तुम जिस रास्ते निकले हो,
वहाँ ढेरों लोग मिलेंगे,
लेकिन कुछ लोग ऐसे होंगे,
जिन्हें तुम्हें संभालने की जरूरत है।

जो देते रहेंगे अहसास,
एक अगल किस्म के अपनेपन का,
लेकिन विरले ही होंगे,
जिन्हें तुम‌ अपना कह सकोगे।

तुम्हें फर्क करना होगा,
तरह-तरह के लोगों के बीच,
अपनी तरह के लोगों में,
जो वास्तव में तुम्हें सुन सकें,
और मुस्कुराते हुए जिन्हें तुम सुन सको।

ऐसे लोग आसानी से नहीं मिलेंगे,
न ही पहचान में आएंगे,
तुम्हें गहरे उतरकर देखना होगा,
और खोज निकालना होगा इन्हें।

जो हमेशा तुम्हारा साथ देंगे,
जो तुम्हारे जीवन में प्रकाश की तरह होंगे,
जिनके साथ तुम घंटों व्यतीत कर पाओगे,
जिन पर निरंतर भरोसा कर पाओगे।

ऐसे कुछ ही लोग होंगे,
जो लंबी पारी के साथी होंगे,
जो आखिरी समय तक टिकेंगे,
जिनके लिए सुख-दुख से बढ़कर भी,
जीवन मजे से जीना बड़ी चीज होगी।

जो महीनों खामोश रहकर भी,
तुम्हारी खबर लेते रहेंगे,
ऐसे लोग गिनती के होंगे,
यही तुम्हारी असली कमाई होंगे,
तुम्हें इन्हें संभालने की जरूरत है‌।


5 comments:

  1. This poem is like the reality of my life...its suits me perfectly..🙏🙏👍

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    1. Thank you so much mam..it really motivates me to keep on going my writing skills...

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