Thursday, 12 April 2018

Trip to Munsyari

                        आखिरकार हमने यह फैसला लिया है कि हम अपने साथियों को मुनस्यारी की ही सैर कराएंगे, कराएंगे तो हिमालय दर्शन ही कराएंगे। समय भी तय है जून का पहला सप्ताह।‌ आने वाले कुछ दिनों में यह भी स्पष्ट कर दिया जाएगा कि आपको किस दिन का रिजर्वेशन कराना है और कब मुनस्यारी आना है। बस अभी मोटा मोटा यह समझिए कि जून का पहला सप्ताह तय है।

तो मुनस्यारी आने के लिए आपको ये करना है -
1. आपको ट्रेन से काठगोदाम या हल्द्वानी रेल्वे स्टेशन तक पहुंचना है। इसमें ट्रेन के बारे में और अधिक जानकारी आप मुझसे ले सकते हैं।
2. काठगोदाम और हल्द्वानी रेल्वे स्टेशन आगे-पीछे ही हैं। काठगोदाम इस रूट का सबसे आखिरी रेल्वे स्टेशन है और हल्द्वानी उसके ठीक पहले का स्टेशन है, बस पंद्रह मिनट का फर्क है। तो दोनों‌ से किसी एक जगह जहां भी आप पहुंचे वहां से आपको हम गाड़ी से मुनस्यारी ले जाएंगे। यहाँ से हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है।
3. काठगोदाम आपको कैसे भी करके सुबह पहुंचना है। क्योंकि काठगोदाम से सुबह 6-7 बजे मुनस्यारी के लिए आपकी गाड़ी निकलेगी। जो कि शाम 6-7 बजे तक आपको मुनस्यारी पहुंचाएगी।
4. अगर आपकी ट्रेन की टाइमिंग थोड़ी अलग हो रही है और आप सुबह काठगोदाम पहुंचने की स्थिति में नहीं है तो आपको एक दिन पहले यानि शाम‌ को काठगोदाम या हल्द्वानी पहुंचकर एक रात स्टे कर अगली सुबह मुनस्यारी जाने के लिए तैयार रहना होगा। आप सोच रहे होंगे इतनी मेहनत, यार अब हिमालय दर्शन करना है तो इतना तो करना पड़ेगा न। बाकी हमारी तो पूरी कोशिश रहेगी कि आपको‌ किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो‌।
5. हां तो काठगोदाम से मुनस्यारी का सफर काफी लंबा और थका देने वाला है, पूरे 12 घंटे का घुमावदार पहाड़ी रास्ता, तो सबसे निवेदन है कि आप अपने साथ उल्टी की गोलियाँ जरूर रखें। गाड़ी भी आपको बता दे रहा हूं, फोर्स की ट्रेवलर में आप‌ मुनस्यारी आएंगे, जिसमें उबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों में भी आपको बहुत कम‌ जर्क महसूस होगा फिर भी आप उल्टी की गोलियाँ जरूर लेकर चलें।
6. जूते तो आप पहनकर आएंगे ही, साथ ही आवश्यकतानुसार गर्म कपड़े भी रख लीजिएगा, अब मुनस्यारी के जून के महीने की ठंड को यूं समझिए कि मैदानी‌ इलाकों‌ का दिसंबर का महीना, यानि उतना भी नहीं होगा, कहने का अर्थ यह है कि अगर बारिश हुई तो अधिकतम तापमान उतना जा सकता है, नहीं तो दिन में मौसम सामान्य और शाम ढलते गुलाबी ठंड।
7. अगर कोई ऐसा व्यक्ति जो शराब का सेवन करता हो उनके लिए विशेष सूचना है कि आप इस ट्रिप में‌ किसी प्रकार का नशा नहीं कर पाएंगे, हम आपको ऐसा करने ही नहीं देंगे, क्योंकि हो सकता है कि कुछ फैमली वाले भी आएंगे तो हम अपनी इस एक बात को लेकर प्रतिबध्द हैं, तो अगर आप इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं तो इस एक बात का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।
8. आपके ट्रेवलिंग के दिनों को अलग रखें तो मुनस्यारी में आपका ट्रिप दो से तीन दिन का होगा, इससे ज्यादा नहीं। इसमें आपको परंपरागत पहाड़ी व्यंजन खिलाया जाएगा, यहां की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा, रात के वक्त बोन फायर का आनंद भी मिलेगा, साथ ही आपको ट्रैकिंग कराया जाएगा। पहाड़ में 10-15 किलोमीटर की ट्रैकिंग करने के लिए अभी से खुद को तैयार कर लीजिए। क्योंकि इस पूरे ट्रिप की सबसे असली चीज यही है।
9. अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब बता दिया वो ठीक, कितना खर्च लगेगा वो बताओ, तो ऐसा है नोमिनल रेट्स ही होगा, आपको एक बार कम लग सकता है पर ज्यादा तो लगेगा ही नहीं। आने वाले कुछ दिनों में जब रिजर्वेशन की तारीख आपको बताएंगे तो उसी के साथ इस ट्रिप के खर्च के बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
10. अब पहाड़ों में बारे में एक बेसिक जानकारी वो ये कि पहाड़ों में भी क्या है, दो तरह के पहाड़ होते हैं, एक गर्म पहाड़ और दूसरा ठंडा पहाड़, तो रास्ते भर आपको यह विरोधाभास देखने को मिल सकता है कि शुरूआत में कम ऊंचाई में ही आपको ठंडी का अहसास होगा और अचानक ऊंचाई में जाने के बाद भी तेज गर्मी का अहसास हो जाए, तो विचलित न होइएगा क्योंकि भाई अपना हिमनगरी मुनस्यारी तो सबसे ठंडा पहाड़ हुआ।
11. एक और जरूरी बात कहना चाहूंगा कि जैसे आप ट्रेन से लंबा सफर करके आएंगे और फिर काठगोदाम से ट्रेवलर की गाड़ी में बैठकर मुनस्यारी के लिए रवाना होंगे तो आपको इस बीच बार-बार ऐसा लगेगा कि क्यों‌ इतनी दूर जा रहे हैं, क्यों इतनी तकलीफ उठा रहे हैं, बस अब नहीं हो पाएगा, भाड़ में जाए ये ट्रिप, मैं यहीं से वापस चला जाता हूं, ऐसा आपको मुनस्यारी आते तक लग सकता है। मैं तो‌ हमेशा अकेले आता हूं तो मैंने इस चीज को गहरे तक‌ महसूस किया है। लेकिन एक बात कहूं जैसे ही आप मुनस्यारी पहुंचने वाले होंगे न, आप सब कुछ एक झटके में भूल जाएंगे, मैं दावे के साथ कहना चाहता हूं कि जब आप ढलती शाम में मुनस्यारी की वादियां देखेंगे, जब आप अपनी आंखों‌ के सामने हिमालय देखेंगे और जब मुनस्यारी की ठंडी हवा आपके शरीर को छुएगी तो देखिएगा आप सफर की सारी थकान एक झटके में भूल जाएंगे। फिर आप सोचेंगे, यार कितना अच्छा हुआ मैं आ गया, न जाने क्यों बेवजह घबरा रहा था।
12. आखिरी बात ये कि मुनस्यारी में पूरे समय मैं आपके साथ रहूंगा, मेरा वादा है कि आपको पहाड़ों की एक अलग ही दुनिया से रूबरू होने का मौका मिलेगा। तो फिलहाल जो भी साथी इच्छुक हैं, आना चाहते हैं, या अपने साथियों को‌ भी लाना‌ चाहते हैं, वे कृपया एक बार मैसेज में, व्हाट्स एप्प में, या कमेंट में सूचित करें।

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धन्यवाद।

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