इस तस्वीर को जब आप ध्यान से देखेंगे तो आप पाएंगे कि घास के इन मैदानों में दो आयताकर गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। अब जो पहाड़ में रहते हैं उन्हें तो इसके उपयोग और बनाए जाने के कारणों के बारे में अच्छे से पता होगा ही। लेकिन जो पहाड़ बस एक बतौर टूरिस्ट घूमने आते हैं, उन्हें भी हम बताना चाहते हैं कि ये आयताकार खांचे असल में एक तरह के जल स्त्रोत हैं, जो ढलान वाले पहाड़ों में आपात स्थिति के लिए तैयार किए जाते हैं। क्या पता कब किसी को जरूरत पड़ जाए, चाहे वे इंसान हो या मवेशी। पानी की जरूरत तो अभी जीवधारियों को है।
अब पहाड़ में ऐसा है कि कुओं या तालाबों का निर्माण तो नहीं किया जा सकता तो इन तरीकों से, इन छोटे-छोटे जल स्त्रोतों के निर्माण से पहाड़ों में जल एकत्र किया जाता है।
हमारे पूर्वजों की दूरदृष्टि को नमन।
If you clearly watch this picture, you will observe that there are few horizontal holes in the meadows..these hollow blocks are actually small water reseviors which are made just to maintain water availability during any emergency.
It is not possible to create any pond or well in the hills so as a resultant these hollow blocks are made for water storage.
Hats off to our visionary ancestors.
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