Wednesday, 12 October 2016

~ चूड़ियां ~

~ चूड़ियां ~

आप लोगों के बीच इतना अपनापन मिला..जिसकी शायद मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था।
ये सब कुछ मेरे लिए नया सा था।
भाभी..इतने दिनों तक आपके हाथ से पहाड़ी खाना खाने मिला..इसका शुक्रिया..।
जाते जाते मैंने भतीजे के लिए एक ड्रेस तो दे दी..लेकिन आखिर तक आपको क्या देते जाऊं..ये सोचते ही रह गया..।
आखिरी समय तक संशय में ही रहा..एक बार को सोचा कि स्वेटर दे दूं..लेकिन कुछ एक वजह से स्वेटर खरीद न पाया।

आखिरी दिन आ गया था।
अगले दिन बड़े सबेरे वापस पहाड़ छोड़ अपने मैदान वापस लौटना था।
उस रात हम लोग होटल में खाना खाने गये हुए थे।
होटल में जो दीदी रोटियां बना रही थी।
मैं वहां सामने बैठा देख रहा था..
गोल होती रोटियों को देखते हुए अचानक से मेरा ध्यान उनके हाथों पर चला गया..
"चूड़ियां"
मुझे एक निराशा सी हुई कि मैंने ये चीज कैसे नजरअंदाज कर दी..
कुछ चूड़ियां तो मैं दे ही सकता था।
आसपास बाहर निकलकर देखा तो पता चला कि फैंसी स्टोर बंद हो चुका है और मुझे अगले दिन सुबह जाना भी है।
सुबह रास्ते भर बड़ी टीस हुई..रंग बिरंगी चूड़ियों का एक सेट आंखों के सामने बार-बार झूलता..कितना अच्छा होता कि मैं उपहार स्वरूप आपको अपने हाथों से देता।
लेकिन अब तो ये सब मुमकिन नहीं था।
बात वहीं रह सी गई कि चलो अगली बार जब आना होगा तो पक्का लेकर आऊंगा।

पहाड़ी रास्तों से गुजरते, खिड़की से झांकते यही सोच रहा था..कि कितना कुछ छूट रहा है, एक ये कि आपको चूड़ियों का सेट ना दे पाना।
साथ ही पहाड़ों की ये हवा..बादलों की सिहरन, ठंडा मीठा पानी..आप लोगों के बीच मिला स्नेह,ये सब मुझे कहीं और नहीं मिल सकता, ये मुझे अच्छे से पता है।
लंबा सफर था तो बीच-बीच में मेरी झपकी लग जाती..मैंने देखा कि खाली पहाड़ी रास्ता है कहीं यू टर्न भी नहीं है तो भी ड्राइवर हार्न बजा रहा है।
एक बार मैंने ध्यान से ड्राइवर को देखा तो पता चला कि जब आसपास कहीं कोई मंदिर दिखता है तो गुजरते हुए उसको नमस्ते करने के स्वरूप में वो हार्न बजाता है।
सारा गुस्सा एक झटके में मुस्कुराहट में तब्दील हो गया।
खैर...
पता है इन दिनों मैंने जो देखा उसमें एक बड़ी बात ये भी थी कि पहाड़ों में इतना कठिन जीवन होने के बाद भी किसी के चेहरे में एक निराशा का भाव देखने को नहीं मिलता।
मानवीय मूल्यों को इस बदलते आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य में सहेजकर रखना कोई आप लोगों से सीखे।
आप सभी को मेरा नमन,ढेर सारा स्नेह।

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