Tuesday, 28 January 2025

सूली पर चढ़ाओ -

जब भी होता है कोई अपराध

न्याय की देहरी माँगती है सूली।

बताए कोई सुझाए कोई

कि कितने गर्दनों को देंगे सूली।

अगर सूली पर चढ़ाना ही न्याय है

अगर इस तरह से मौत देना न्याय है

अगर इसी से न्याय का होना माना जाता है

तो यह न्याय सबके लिए होना चाहिए।

चढ़ाइये सूली पर उस नेता को,

जिस तक टेंडर के पैसे का मोटा हिस्सा जाता है।

चढ़ाइये सूली पर उस जिलाधीश को,

जिसने सबका प्रतिशत तय किया।

चढ़ाइये सूली पर उस विभागीय अधिकारी को,

जिसने प्रोजेक्ट तैयार कर पूरा बंदरबाँट किया।

चढ़ाइये सूली पर उस सरकारी बाबू को भी,

जिसने भ्रष्टाचार का नोटशीट तैयार किया।

चढ़ा दीजिए सूली पर उन सभी लोगों को,

जो इस समाज में हत्यारे तैयार करते हैं,

जो इस समाज को हिंसक बनाते हैं,

जो देश समाज को रहने लायक़ नहीं छोड़ते।

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