Monday, 8 April 2024

- जैसा देस वैसा भेष -

A - बहुत मांस खा रहा है वो आजकल।
B - तुमको क्या समस्या है?
A - नहीं, मैं बस बता रहा हूं ?
B - तुम तो शायद खाते भी नहीं!
A - हां, मैं शुध्द शाकाहारी हूं।
B - फिर जाने दो, खाने दो उसे।
A - लेकिन फिर भी, बहुत खा रहा है वो।
B - तुम्हारे जेब से खा रहा है?
A - नहीं, लेकिन ज्यादा मांस खाने के लिए लोगों को लूटता है।
B - तुमको लूटा उसने ?
A - नहीं, लेकिन किसी को तो लूट रहा है।
B - जिसको उसने लूटा, वो तुम्हारा परिचित है?
A - नहीं है, लेकिन ये तो गलत है न!
B - तो तुम इस गलत का क्या कर लोगे?
A - मुझे नहीं मालूम, मैं बस बता रहा हूं।
B - मांस खाने वालों से चिढ़ते हो तुम।
A - बिल्कुल नहीं, मैं तो शाकाहारी हूं।
B - तो फिर तुम्हें समस्या नहीं होनी चाहिए।
A - अब मैं आपको कैसे समझाऊं!
B - अब कह भी दो।
A - असल में समस्या मांस खाने से नहीं है।
B - तो कहते क्यों नहीं कि बात क्या है?
A - पहले वादा करो, किसी से नहीं कहोगे?
B - चलो वादा, नहीं कहूंगा। अब बताओ भला।
A - वह इंसानों का मांस खाता है।
B - अबे खाने दो, हमें क्या।
A - हम भी तो इंसान हैं।
B - हम मजबूत लोग हैं, हमारे आसपास नहीं आएगा।
A - हमें घेर के कमजोर कर दिया तब?
B - अपने से कमजोर कोई दिखा देना उसे, कह देना कि उसे खा ले।
A - तुम कितने घटिया व्यक्ति हो।
B - तो क्या तुम खुद को खाने दोगे उसे?
A - नहीं, लेकिन किसी दूसरे को कैसे मरवा दूं?
B - जाओ खुद मर जाओ।
A - बेशर्म आदमी, कितने निर्दयी हो चुके हो?
B - यार सुनो, मैं खुद कभी-कभी इंसानी मांस खा लेता हूं।
A - क्या कहा? शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए।
B - हत्या मैं नहीं करता, कहीं से मिल जाता है तब खा लेता हूं।
A - वाह, कितने भले मानुष हो। 
B - तुम्हें पका पकाया मिलता, क्या तुम मना करते?
A - मैं मर जाता, लेकिन इंसानी मांस कभी न खाता। 
B - हर कोई तुम्हारी तरह यहां मरना नहीं चाहता।
A - एक बात पूछूं?
B - हां, पूछो?
A - अगर किसी ने मुझे मार दिया, तो क्या मेरा मांस भी खा लोगे?
B - मुझे थोड़े न पता चलेगा, मांस किसका है?
A - हद हरामी हो बे।
B - जैसा देस वैसा भेष।

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