Tuesday, 14 November 2023

20 क्विंटल प्रति एकड़ धान - किसानों की कब्रगाह

एक एकड़ यानि 1.6 बीघा। इतनी जमीन में छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार जो पहले 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी करती थी, वह 20 क्विंटल खरीदेगी, इसकी घोषणा वर्तमान राज्य सरकार ने पहले ही कर दी थी, साथ ही यह भी कहा कि इस बार 2800 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदी की जाएगी। विपक्ष ने अभी चुनाव के पहले कहा है कि वह 21 क्विंटल खरीदेगी और 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य देगी। अब तक यह समर्थन मूल्य प्रोत्साहन राशि मिलाकर 2640 रुपये था, जिसमें 2040 रुपये केन्द्र सरकार और 600 रुपये राज्य सरकार की प्रोत्साहन राशि है। इसमें भी इस बार केन्द्र सरकार का बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य 143 रुपये जोड़ दिया जाए तो वर्तमान न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 ऐसे ही हो गया, और इसमें पहले की प्रोत्साहन राशि यानि 600 रुपये जोड़ दिया जाए तो 2783 रुपये पहले ही हो चुका है, यानि अब राज्य सरकार को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए मात्र 17 रुपये अतिरिक्त देने होंगे, इसके अलावा 15 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का दबाव अलग।

लगभग 6-8 महीने पहले जब राज्य सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की घोषणा की थी, तब इसका सब तरफ स्वागत किया गया, किसान हितैषी फैसला कहा गया, लेकिन एक कोई ऐसा नहीं रहा जो इसके दुष्प्रभावों को बता सके। अभी विपक्ष जब इसी को 21 क्विंटल तक लेकर जा रहा है, तब भी इसे त्यौरियां चढ़ाकर किसानों के हित में कहा जा रहा है।

मूल बात यह है कि कोई भी खेत, जिसमें आप बिना रासायनिक खाद के धान उगाएंगे वह एक एकड़ में 15 क्विंटल तक भी धान की उपज नहीं दे सकता है। यह तथ्य है। अब सोचिए 20 से 21 क्विंटल की रेस चल रही है। अब इससे यह होगा कि अधिक से अधिक उपज पाने के एवज में अंधाधुंध रासायनिक खाद डाले जाएंगे, मिट्टी जो पहले से जहर झेल रही है, उसे और अधिक जहरीला बनाने की कवायद जोरों शोरों पर होगी, धान के बीज बनने की गुणवत्ता पर भी असर होगा, कुल मिलाकर किसान पिसेगा, किसान क्या पिसेगा, जमीन पिसेगी। और अंत में उसकी जेब में थोड़े पैसे ज्यादा आ जाएंगे लेकिन बदले में आप हम बुजुर्ग बच्चे हम सभी की थाली में वही रासायनिक खाद युक्त अन्न परोसा जाएगा और इतनी हल्के स्तर की सौदेबाजी में हमारा स्वास्थ्य हमसे छीन जाएगा।

ऐसे महान फैसलों के साथ सत्ता संभालने वाले किसान हितैषी सरकारों को दंडवत् प्रणाम। 🙏

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