हमारे चलने-फिरने या अन्य हर तरह की दैनिक गतिविधि में मशीन हावी हो चुका है। मशीनों की सहायता लेना ठीक है लेकिन हर चीज की अपनी एक सीमा होती है। नये साल में खूब सारे स्वास्थ्य संबंधी अपडेट आपको असहज कर सकते हैं, खूब सारे स्क्रीनशाट तैरते हुए मिलेंगे कि आज फलां ने इतना किलोमीटर पैदल चला, इसने इतनी किलोमीटर की दौड़ लगाई, इतना किलो वजन कम/अधिक करने का लक्ष्य रखा है आदि। खूब सारे कसमें वादे करते हुए लोग दिखेंगे, कुछ लोग अपना कहा पूरा भी करेंगे लेकिन जो अपने शरीर को लेकर सहज है सजग है उसे हमेशा भ्रम से बचना चाहिए। शरीर को मशीन बनने से बचना चाहिए, गलत धारणाएं पालने से बचना चाहिए। क्योंकि अपने शरीर का सबसे बड़ा चिकित्सक इंसान स्वयं होता है।
आजकल कलाई बंद घड़ी आ गई है, जो आपकी एक एक चीज माॅनीटर करती है, आपके पैदल चलने के स्टेप से लेकर हार्ट रेट तक का लेखा जोखा आपको देती है। बहुत लोग ऐसी मशीनों के साथ सहज रहते हैं, बहुत सुविधा भी है, लेकिन मुझे बड़ी असहजता महसूस होती है, ऐसा लगता है मानो हर दिन कोई परीक्षा हो रही है, कोई माॅनीटर कर रहा है। अरे भाई इंसान डेटा नहीं है, इंसान संख्या नहीं है। अब इसमें समस्या यह आती है कि घड़ी लगाकर घूमने वाले का एक एक कदम उसके लेखा जोखा में शामिल होता है। उसके निवृति कक्ष जाने से लेकर सीढ़ी चढ़ने तक, हर एक गतिविधि जुड़ती है, ऊपर से एक मानसिक दबाव भी रहता है, जिससे वह दिन भर में 5 से 10 किलोमीटर चल ही लेता है। इस तरह से अगर एक सामान्य व्यक्ति का भी औसत देखें तो एक घर में रहने वाला भी दो चार कमरे और घर से बाहर आंगन में निकलने में ही 2-4 किलोमीटर पैदल चलता ही है। गाँव में रहने वाला व्यक्ति तो और अधिक पैदल चलता है। लेकिन जो घड़ी नहीं पहनता है, वह इन बड़े आंकड़ों को देखकर घबरा जाता है कि वह तो स्वास्थ्य के नाम पर कुछ भी नहीं कर रहा है।
दूसरा भ्रम पैदा होता है ट्रेडमिल से। आजकल बहुत से सुविधाभोगी आधुनिक परिवारों में ट्रेडमिल की सुविधा है। ट्रेडमिल में इंसान आराम से पैदल चलता है, कान में इयरफोन लगाए वह एक जगह रहकर खूब पैदल चल लेता है, दौड़ लेता है। आपको बाहर की हवा नहीं लगती है, जिससे आप जल्दी नहीं थकते हैं। कुल मिलाकर बहुत सुविधा वाली चीज है। इसमें भी वह आंकड़े में बहुत आगे निकल जाता है। इसे ऐसा समझा जाए कि कोई अगर मशीन में चलकर 10 किलोमीटर का आंकड़ा दे रहा है, और आप खुले वातावरण में 5 किलोमीटर भी चलते हैं, तो यह मानकर चलें कि आप मशीन वालों से एक कदम आगे है। बड़े बड़े आंकड़ों वाले स्क्रीनशाॅट अपलोड करने वाले अधिकतर मशीन वाले लोग हैं, इनसे बचिए। मशीन बनने से परहेज करिए।
नये साल की शुभकामनाएँ।
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