ट्विटर वाला जो भी मामला चल रहा है, वह इतना भी मामूली नहीं है, इसे अभी तक की डिजिटल युग की सबसे बड़ी परिघटना के रूप में देखे जाने की जरूरत है, इस घटना से बहुत कुछ अब बदलेगा। वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म, उसका कुछ ही दिनों में लोकतांत्रिकरण हो जाना, यह अपने आपमें बहुत ही सुखद है। इतिहास में इतने कम समय में इतना बड़ा बदलाव कभी नहीं हुआ, यह डिजिटल युग में ही संभव हो सकता था, और मस्क ने यह करके दिखा दिया है।
एक बार सोच कर देखिए एक कंपनी के आधे से ज्यादा वर्कफोर्स को यूं चुटकी में लात मारकर भगा देना। उसमें भी जो उच्च पदों पर बैठे लोग थे, जो भारतीय भी थे, उनको सबको झटके में हटा देना। वैश्विक स्तर पर इतना बड़ा कदम एलाॅन मस्क ही उठा सकते थे। पहले ट्विटर का एक बहुत बड़ा वर्कफोर्स लोगों को ब्लूटिक बांटने के गोरखधंधे में शामिल था, सामंती मानसिकता को पोषित कर रहा था, एक से एक फर्जी चिंटू सरीखे लोगों को ब्लूटिक के माध्यम से विशिष्ट बनाया जा रहा था, टाॅप लेवल भी इस पू्रे काम में शामिल था, मस्क ने सारे मवादियों को एक झटके में बाहर फेंक दिया। वे बार-बार सारी कंपनियों को दो टूक कह रहे, जितना चिल्लाना है, रोना धोना है, कर लो, जितना गाली देना है दे जाओ, लेकिन ब्लू टिक चाहिए तो इतना डाॅलर देना पड़ेगा। बात खत्म।
एलाॅन मस्क के ट्विट्स पढ़े जाने चाहिए, वे बार-बार Power to the people कह रहे हैं। पहले के ट्विट्स में यह भी साफ कह दिया है कि जमींदारी और सामंती मानसिकता वालों की दुकानदारी अब नहीं चलेगी, ऐसे सभी लोगों का सफाया उन्होंने नौकरी से निकाल बाहर करके कर ही दिया है। ट्विटर की पूरी की पूरी इंडिया टीम को परसों मस्क ने नौकरी से निकाल दिया, मजाक बात नहीं है। एलाॅन मस्क ने जो ये आपरेशन किया है, इस दर्द से उबरने में संभ्रातों को लंबा समय लगना है। यानि सोचिए ये सारे कौन लोग होंगे, कैसा काम कर रहे होंगे जो उनका ये हश्र हुआ है, एलाॅन मस्क भारत के जातिवाद और पोंगापंथ को बहुत बढ़िया से समझते हैं, तभी उन्होंने सबको एक बार में साफ कर दिया है।
More power to Elon Musk 👏
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