प्रिय बापू,
भारतीय समाज को आज तक आपके इतना प्रेम करने वाला मनुष्य पैदा नहीं हुआ है, ऐसा मैं मानता हूं। आप एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ एक पत्रकार भी थे, लेखक भी थे, स्वतंत्रता सेनानी भी थे। कभी-कभी बड़ी दुविधा होती है कि आपको भारतीय समाज के लिए किए गए आपके सामाजिक प्रयोगों एवं जातिगत उध्दार संबंधी कार्यों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया जाए या फिर आपके स्वास्थ्य संबंधी प्रयोगों के लिए या फिर स्वावलंबी जीवन जीने के प्रयोगों के लिए या फिर उन प्रयोगों के लिए जहाँ आप मनुष्य के आत्मबल की मजबूती पर जोर देते हैं। और जहाँ बात साध्य और साधन की आती है, मैं आपके समक्ष नतमस्तक हो जाता हूं, आपने साध्य और साधन की पवित्रता को लेकर जैसा साम्य स्थापित किया वह विरले ही कर सकते हैं। सोचता हूं आप अगर कुछ वर्ष और जीवित होते तो भारतीय समाज की आज जो तस्वीर है वह कुछ और ही होती, निचले ग्रामीण स्तर तक कुछ तो उथल-पुथल हुई होती।
आपकी और आपके विचारों की प्रासंगिकता की अगर बात की जाए, तो यह इसी से स्पष्ट हो जाता है कि हमने आपका और आपके विचारों का अपनी सुविधा के हिसाब से उपभोग करना सीख लिया है, पता नहीं हम आपको कितना समझते हैं, लेकिन हम आपके नाम का सहारा लेकर अहिंसा की बातें करते हैं, ईमानदारी और सामाजिक प्रतिबद्धता की बात करते हैं। लेकिन इससे इतर जिस कर्मशीलता को आपने अपने स्तर पर पूरा जीवन जिया, हम उस मूल विषय पर शायद ही ध्यान दे पाते हैं।
आपने इस देश के लिए खुद को इतना तपाया, हमेशा हमारी भलाई की बात करते रहे, लेकिन हम थे जो आपकी अहमियत समझ ही न पाए इसलिए जब देश आजाद हुआ तो आजादी प्राप्त करने के पश्चात् आपको छ:ह महीने भी नहीं झेल पाए, हमने आपके शरीर को तो विदा किया ही, लेकिन साथ ही साथ आपके विचारों की भी खुद हद तक तिलांजलि दे आए। इन सब के बावजूद आपकी सबसे बड़ी ताकत जो मैं मानता हूं वह यह है कि हम बहुत कोशिशों के बाद भी आपको भगवान नहीं बना पाए शायद यही आपकी सबसे बड़ी ताकत है कि कोई चाहे तो भी उसके लिए यह संभव नहीं है कि आपको भगवान में परिवर्तित कर पाए।
प्रिय बापू, भले ही आज आप सशरीर हमारे बीच नहीं है लेकिन आपको आपके स्वराज, स्वावलंबन, अहिंसा, प्रेम, मानवता, शिक्षा व सामाजिकता आदि विषयों पर किए गए गंभीर जीवन प्रयोगों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। आप हमारे बीच रहे ना रहें लेकिन आपके प्रयोग जीवंत अमर रहेंगे।
बहुत ही अच्छा लेख
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteBahut Badhiya ��������
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteएकदम सही लिखा भैया।
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