प्यारे बच्चों,
मुझे माफ कर देना,
मैं तुम्हारा पापी हूं,
तुम्हें अगर कुछ हो गया तो शायद मैं जीवन भर खुद को माफ ना कर पाऊं,
यह जानते हुए भी तुम कल का भविष्य हो,
मैंने तुम्हारे हाथ में साल भर पुराना खराब हुआ सामान थमाया,
मैं यह तक भूल चुका हूं,
कि मेरे भीतर एक इंसान भी है,
पता नहीं वह जिंदा भी है कि बाकी लोगों की तरह वह भी मर चुका है।
शायद गीदड़ों के साथ रहकर मैं भी गीदड़ हो गया हूं।
मुझे इन गीदड़ों से भी शिकायत नहीं,
उल्टे मुझे इन पर दया आती है कि इनको ये भी नहीं पता,
कि ये किस स्तर तक गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं।
बस इसी एक बात का रंज होता है कि मैं उस भीड़ के साथ काम करता हूं जो तुम्हारे शोषण के लिए सीधे जिम्मेदार है।
प्यारे बच्चों,
मैं तुम्हारा गुनेहगार हूं
हो सके तो मुझे माफ कर देना।
मुझे माफ कर देना,
मैं तुम्हारा पापी हूं,
तुम्हें अगर कुछ हो गया तो शायद मैं जीवन भर खुद को माफ ना कर पाऊं,
यह जानते हुए भी तुम कल का भविष्य हो,
मैंने तुम्हारे हाथ में साल भर पुराना खराब हुआ सामान थमाया,
मैं यह तक भूल चुका हूं,
कि मेरे भीतर एक इंसान भी है,
पता नहीं वह जिंदा भी है कि बाकी लोगों की तरह वह भी मर चुका है।
शायद गीदड़ों के साथ रहकर मैं भी गीदड़ हो गया हूं।
मुझे इन गीदड़ों से भी शिकायत नहीं,
उल्टे मुझे इन पर दया आती है कि इनको ये भी नहीं पता,
कि ये किस स्तर तक गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं।
बस इसी एक बात का रंज होता है कि मैं उस भीड़ के साथ काम करता हूं जो तुम्हारे शोषण के लिए सीधे जिम्मेदार है।
प्यारे बच्चों,
मैं तुम्हारा गुनेहगार हूं
हो सके तो मुझे माफ कर देना।
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