Wednesday, 8 June 2022

जब एक पुरूष धोएगा एक स्त्री के कपड़े -

एक स्त्री धो लेती है एक पुरूष के सारे कपड़े, 
नहीं आती उसके सामने शुचिता की बाध्यता,
नहीं आती उसे पुरूष के कपड़ों से शर्म, लाज।
लेकिन एक पुरुष को इन अधिकारों से रखा जाता है वंचित।
जब एक पुरूष को मिलेंगे स्त्रियों के कपड़े धोने के अधिकार, 
फेंक देगा वह शर्म और शुचिता का लबादा।
मेहमानों को पानी का गिलास देने से लेकर,
सिलबट्टे में चटनी पीसने और मेहमानों को खाना परोसने तक,
वह ऐसे उन सारे अधिकारों की पालना करेगा,
जो सिर्फ एक स्त्री के हिस्से आते हैं।

स्त्रियों को चाहिए कि,
नल पाइपलाइन आदि का काम देख कर बूझ लें,
बिजली का बोर्ड ठीक करने जैसी समझ विकसित कर लें,
मोबाइल, कम्प्यूटर की हार्डवेयर संबंधी बेसिक जानकारी जुटा लें,
छुटपुट रिपयेरिंग के गुर जहाँ भी सीखने को मिले, सीख लें,
बचपन से ही मोटरसाइकिल कार ट्रैक्टर आदि चलाना सीख जाएं।

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