Thursday, 15 June 2017

~ A little story behind road cutting issue in Silthing Village, Uttarakhand ~

जब सिल्थिंग गांव के पास से रोड कटिंग होने वाली थी, तो गांव के कुछ लोग अड़ गये और कहा, नहीं चाहिए गांव के पास से रोड, हम पैसों के एवज में अपने खेतों का बलिदान नहीं दे सकते। हमारे खेत बीच में आ रहे हैं, आप एक किलोमीटर दूर से ही रोड कटिंग कर लीजिए। हमें नहीं चाहिए गांव के पास से रोड, एक किलोमीटर दूर ही सही, चलेगा। वैसे भी इतने सालों से बिना रोड के थे। अब तो वैसे भी रोड नजर के सामने है, घर से दिख तो रहा है, बहुत बड़ी बात है।
और फिर एक किलोमीटर दूर से रोड कटिंग हुई।
सिल्थिंग के गांव वालों के इस फैसले पर आसपास के गांवों के लोगों ने, खासकर पढ़े-लिखे तबके ने खूब मखौल उड़ाया कि बढ़िया घर तक रोड आ रही थी, ठीक-ठाक पैसे मिल रहे थे, ये गधे के गधे ही रहेंगे,इनका कुछ नहीं हो सकता।
मजाक बनाने वाले उन लोगों को शायद इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है कि एक किसान (सीमित जमीन वाले छोटे किसान) के लिए उसका खेत कितना मायने रखता है। खेत उसके लिए जमीन का टुकड़ा भर नहीं होता, वो तो उसकी जिंदगी का हिस्सा होता है। खेत उसके आय का स्त्रोत तो होता ही है, जीने की वजह भी होता है। सोचिए कैसा हो अगर कोई आपके जीने की वजह छीन ले और कहे कि लो पैसे और दफा हो जाओ।




step farms, silthing village


Cutted road, Silthing Village


step farms, silthing village

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