पहाड़ों की सबसे खास बात जो है वो ये कि अधिकतर पहाड़ी गांवों एवं शहरों के नाम पर बहुत से गाने बने हुए हैं जो उस शहर या गांव का प्रतिबिम्ब होते हैं। इन गानों की एक और अच्छी बात ये है कि आपको थोड़ा भी फूहड़पन देखने को नहीं मिलेगा। यूं कहें कि अगर आप पहाड़ आए और आपने पहाड़ी गाने नहीं सुने तो समझिए आपका पहाड़ आना व्यर्थ ही हुआ, बस आए और चले गए वाली बात होगी बल।
हिमनगरी मुनस्यारी के नाम पर तो दर्जनों गाने बने हैं लेकिन ये एक गाना ऐसा है कि मुनस्यारी में जब भी कहीं शादी या कोई उत्सव होता है तो ये गाना बजता ही है, इस कुमाउंनी गाने की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें मुनस्यारी की सड़कें, पेड़-पौधे, रंग-बिरंगे फूल, हरे-भरे बुग्याल, झरने, नदियाँ, सुंदर खेत, पत्थरों से बने मंदिर, घरों की वास्तुकला, और यहां के त्यौहार, यहां का खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज और और सामने महान हिमालय,
इस गाने में मुनस्यारी की पूरी संस्कृति समाहित है।
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