Sunday, 2 July 2023

गपोड़ी और सोने का पिंजरा - एक लघुकथा

प्राचीन समय में एक बहुत विख्यात गपोड़ी हुआ करता था। थोड़ा बहुत पढ़ा-लिखा था तो हर किसी को अपने गप्प का शिकार बना लेता। लोगों को अपनी बातों से फुसलाकर, उनके सामने झुककर उनका विश्वास जीत लेता और अंत में उन्हें धोखा‌ देकर गायब हो जाता। इसी तरह उस गपोड़ी ने झूठे तरीके से एक दूसरे नगर की राज कन्या से विवाह भी कर लिया। समय के साथ राज कन्या को गपोड़ी की हकीकत पता चलती गई। अब गपोड़ी उस कन्या से पीछा छुड़ाने के तरीके खोजने लगा लेकिन चूंकि उसने पहले ही अलग अलग नगरों में बहुत लोगों को अपने गप्प का शिकार बनाया था तो उसके लिए सारे रास्ते पहले ही बंद हो चुके थे। राजकन्या ने अपने दरबानों को आदेश दिया कि गपोड़ी को नगर से बाहर कहीं भी जाने की इजाजत न दी जाए। बाहर जा नहीं सकता था, और अंदर मिलने वाली राजसी सुविधाएं, उसे छोड़ नहीं सकता था। कुछ इस तरह गपोड़ी सोने के पिंजरे में हमेशा के लिए कैद हो गया।

समाप्त।

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