Saturday, 5 March 2022

वधू की आवश्यकता - भाग 3

- भूतपूर्व छात्र नेता या काॅलेज के दिनों में किसी तरह की नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा चुकी हो,
- तीन से अधिक भाषाएँ समझती हों, भाषा विशेष के प्रति नफरत ना हो, आंचलिकता से परे होने की दिशा में अग्रसर हो,
- पंजाब हरियाणा बेल्ट में भले उसका जन्म न हुआ हो, लेकिन लहू के एक एक कतरे में वैसा ही बागीपन हो,
- कुछ एक साल घरवालों के न्यूनतम सामाजिक हस्तक्षेप वाले परिवेश में रही हो, घर से अलग रही हो, यानि खुद के भीतर की संभावनाओं को कुरेदने का प्रयास किया हो,
- अगर आर्मी स्कूल की स्टूडेंट है तो उसके भीतर कट्टर देशभक्ति वाले भाव कम और आम लोगों के प्रति संवेदना अधिक हो, लोगों में देश को और उनसे जुड़ी मूलभूत चीजों में देशभक्ति देख पाती हो,
- जश्न मनाना हर कोई जानता है, वह दुःख को महसूस करना जानती हो, दुःख के साथ खड़े होना उसे आता हो,
- सोशल मीडिया हो या निजी जीवन, जहाँ चीजें दिमाग को सुन्न करती दिखें, तुरंत अपनी असहजता दिखाती हो,
- कैसी भी परिस्थिति आ जाए, चलते रहना चाहिए, ठहरा हुआ पानी तक खराब होने लगता है यह बात उसके संज्ञान में हो,
- इंसान को चाहिए कि वह जीवन में कुछ न कुछ करता रहे, उस काम से पैसे मिले न मिले, वो बाद की चीज है, इतनी बेसिक बात समझती हो,
- यहाँ सब कुछ बदलता रहता है, समय के साथ हम भी। वह अपने भीतर के बदलाव को देख पाती हो। देख पाना बहुत बड़ी बात है,
- कुछ खत्म होता है तब कुछ नया होता है। जीवन में उतार चढ़ाव नहीं बल्कि उतार चढ़ाव के ईर्द गिर्द ही जीवन है, इतनी सामान्य सी बात समझती हो,
- स्त्री पुरूष के अपने कुछ बहुत अलग बिहेवियर पैटर्न होते हैं, इसीलिए एक चुप सौ सुख वाली कहावत की जानकारी हो।

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