Friday, 31 July 2020

भारत में वर्तमान में कोरोना से बचने के दस सूत्री उपाय -


1. आरोग्य सेतु एप्प अन्स्टांल करें।
2. अगर कोरोना के लक्षण महसूस करते हैं तो इस बात को पब्लिक ना करें और खुद को आइसोलेट कर लें।
3. कोरोना लक्षण के संकेत मिलने पर सरकारी मदद या अस्पताल में संपर्क ना करें, ऐसा कर आप सीधे-सीधे कोरोना को न्यौता दे रहे हैं।
4. हर हालत में होम आइसोलेशन को ही चुनें, यही कोरोना से आपकी रक्षा करेगा।
5. सरकार काढ़े और चंद गोलियों से आपका इलाज करेगी, कोशिश करें कि यह काम आप घर पर ही करें।
6. सर्दी, खाँसी, बुखार जैसी समस्या आने पर इसे अधिक से अधिक छुपाएँ, ताकि सरकार अपने फायदे के लिए आपको उठा कर ना ले जा सके।
7. आप एक इंसान हैं, इसलिए इंसान बने रहें, डेटा बनने से बचें।
8. मास्क और सेनेटाइजर का उतना ही इस्तेमाल करें जितना जरूरी है, प्रोपेगैंडा का शिकार ना बनें।
9. अगर आप कोरोना के इलाज के लिए लाखों रूपए फूंक सकते हैं तभी निजी अस्पतालों की शरण लें, अन्यथा घर पर ही इलाज करें।
10. अभी अगले कुछ महीनों के लिए अपने घर को ही दुनिया का सबसे बेहतरीन अस्पताल मानकर चलें।

पैसे बचाएँ, खुद को बचाएँ, अपने परिवार को बचाएँ, देश बचाएँ।
धन्यवाद।

Saturday, 18 July 2020

मृत्युभोज -

A - तुम्हारे यहाँ भीड़ थी?
B - हाँ अच्छी खासी भीड़ रही।
A - सामान्य दिनों की तरह?
B - हाँ, कुछ कुछ वैसा ही लगा।
A - अच्छा, मेरे यहाँ मामला थोड़ा फीका रहा।
B - नारियल कपड़े लेकर गये थे ?
A - नहीं, दस रूपए दे आया।
B - मचा दिए आप।
A - मचाए तो तुम हो बाबा, शेव करा आए।
B - हाँ, सोचा लगे हाथ वहीं करा लिया जाए।
A - सही है, खाना कैसा था?
B - बढ़िया था, कुल तीन सब्जियाँ रही।
A - इधर पनीर की सब्जी शानदार थी।
B - मैं जहाँ गया वहाँ मशरूम बढ़िया रहा।
A - अच्छा, नाश्ते में क्या था?
B - नाश्ता ठीक ठाक ही रहा, पकोड़े अच्छे थे।
A - मीठे में कुछ नहीं था?
B - था न, खोवे की जलेबियाँ थी।
A - इधर गुलाब जामुन था‌, मैं तो कुछ पैक कराकर ले आया।
B - इधर तो खीर भी बनी थी, मैं ग्लास भर पी गया।

Friday, 10 July 2020

Facebook Feeds - June 2020

कुछ युवा घर की जिम्मेदारियों का वहन इसलिए भी करते हैं ताकि आगे चलकर अपनी बदमाशियों को जस्टिफाई कर सकें। 

59 एप्प में से एक भी एप्प मेरे फोन में नहीं है, लेकिन मेरा फोन एक चाइनीज कंपनी का है। 

सबसे बड़े डेटा चोर ये प्रतियोगी परीक्षा वाले हैं जिनके कारण लाॅटरी वाले काॅल आते थे। 

एप्प बैन कर रहे, यहाँ इंसान पूरा का पूरा एक चाइनिस फोन यूज कर रहा उससे डेटा चोरी नहीं होगा, वाह क्या लाॅजिक है। 

वे हमारे लोगों को घुस कर मार जाते हैं और हम उनका एप्प बैन करने की नौटंकी करते हैं। 

Former CM Raman singh- Cali Cartel 
Bhupesh Baghel- Medellin Cartel 
बस इतना फर्क है। 

छत्तीसगढ़ में किधर ये "डैडी" वाला तकिया कलाम चलता है, जानने की उत्सुकता है बस। क्योंकि ये मामा भांचा रोगहा मरहा ये सब सुना है, लेकिन ये डैडी? 

भारत में कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा Education Industry प्रभावित हुआ है। 

रोचक जानकारी और ज्ञानवर्धक बातें लिखने वालों से कहीं बेहतर पनवाड़ी के चाचा लोग हैं। 

ब्लाॅक अनब्लाॅक करना बंद हुआ यानि रिश्तों का अंत हुआ।  

कवि- माथा चूमना आत्मा चूमने जैसा है। 
कवियित्री- चाटकर सीधे मोक्ष क्यों नहीं पा लेते।  

कुछ कवि अपने पीछे कविताएँ छोड़ जाते हैं और कुछ जीवन भर का अवसाद, सड़न और ढेरों मकान। 

सद्गुरु जैसे बाबा रामरहीम और आसाराम जैसे बाबाओं से कहीं अधिक समाज के लिए खतरनाक है। 

हम भारतीय इंसान को दूर से देखकर ही बता देते हैं कि वो अच्छे घर का है या बुरे घर का है. 

हिन्दी साहित्यकार - क्या तुम इस बार की सर्दियों में मेरा कंबल बनाना पसंद करोगी? 
शिष्या - मैं सोच रही हूं कि आपकी लिखी किताबें जलाकर आपको ताप दे जाऊँ।  

अंग्रेजी में लेखन करने वाले कुछ लोग हिन्दी वालों का जितना सम्मान करते हैं, उतना हिन्दी लेखन वाले कभी नहीं कर पाते हैं। हिन्दी के साथ यह एक बहुत बड़ी समस्या है। 

"पढ़ा-लिखा होकर उसने ऐसा गलत काम कर दिया।" कभी-कभी समझ नहीं आता है कि ये किसी गलत काम या सही काम का पढ़े-लिखे और अनपढ़ होने से संबंध क्या है?  

योगगुरू - साल भर पिज्जा बर्गर खाने वाले आज योग करता हुआ फोटो अपलोड करके ज्ञान देंगे। 
शिष्य - ठीक है फिर आज आप पिज्जा, बर्गर खाएंगे।   

ऐसा है, ग्रहण तब से लगा हुआ है जब हम सबने मिलकर थाली बजाई थी। 

हिंदी की दुर्गति के लिए अंग्रेजी नहीं, हिन्दी के मठाधीश कहीं अधिक जिम्मेदार हैं। 

किराए के पैसों के लालच में जब तक लोग घर बनाते रहेंगे, रेत माफिया पैदा होते रहेंगे। 

बच्चों को अगर मारेंगे नहीं तो वे बिगड़ जाएंगे।अधिकांशत: आज भी इस बात को सही मानते है।  

चाइनीज फूड के शौकीन लोग चाहें तो चीन के विरोधस्वरूप वासेपुर फिल्म के पीयूष मिश्रा की तरह खुद को कोड़े मार लें। 

हमारे यहाँ बच्चों को देश का भविष्य भी कहा जाता है और उन्हें जमकर कूटा भी जाता है। 

माता-पिता इतने क्यूट होते हैं कि वे भलाई के नाम पर बच्चों से बहुत कुछ करा जाते हैं। 

खुदखुशी करने वाले अगर कायर हैं तो ये आजीवन खोखली जिंदगी जीने वाले कहाँ से बहादुर हैं?  

ये सही समय है कि अब हम यह सहजता से स्वीकार लें कि हमारे बीच का लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी मानसिक समस्या से ग्रसित है। 

मुँह में मास्क और हाथ में सेनेटाइजर, शरीर के बाकी हिस्सों से कोरोना फैलाने का प्रमाणपत्र है। 

वाम विचारधाराओं के चक्कर में भारतीय युवा दो तरीकों से तबाह होते हैं - पहले वे जो क्राँति के नाम पर भिखारियों की तरह जीवन यापन करते हैं, दूसरे वे जो इसके ठीक उलट सिंगल माल्ट पीते यूटोपिया के सपने देखते हैं। 

रिश्तों की शुरूआत भले झूठ से हुई हो, लेकिन उनका अंत हमेशा सच के साथ ही होता है। 

सफलता का बाजार व्यापक है, जिन्हें जरूरत नहीं यह वहाँ भी जाकर उन्हें असफल दिखाता है। 

विशिष्ट बनने का सामाजिक दबाव एक समय के बाद सफलता प्रेमियों को अवसाद में ढकेल देता है। 

भारत में एक हाथी से कहीं अधिक वीभत्सता से इंसानों को मारा जाता है। #lockdown  

शिकारी समाज ने हाथी के सूंड में बम फोड़ा है। राज्य को घेरने में ऊर्जा व्यर्थ मत करिए। 

छात्रों को पास करके "जनरल प्रमोशन" शब्द तो ऐसे जोड़ा जा रहा जैसे वे सरकारी नौकर थे। 

ये कैसी "आत्मनिर्भरता" है, जो पहले "PM Cares Fund" बनाके खुद ही पैसे माँगती है। 

विरोध जताना ही है तो हमारी तरह चीर-फाड़ कीजिए, काला फोटो लगा के क्या ही कर लीजिएगा। 

मौत 1 हो या हजार, सरकारें कैसे जस्टिफाई कर ले रही हैं? - A Govt. Corona Warrior  

इंजीनियरिंग वालों को फोकट पास नहीं किया जाएगा, उन्हें फर्रा लेकर ही पेपर दिलाना होगा। 

आॅड-ईवन की तरह अब लेफ्ट-राइट दुकानें खुल रही। मतलब कितना मनोरंजन कराओगे प्रभु। 

चलो मान लिया जी, कोरोना से बड़ा खतरा चीन, नेपाल और पाकिस्तान हैं। अब युध्द करा ही दो। 

सरकार धार्मिक स्थलों को अगले 6 माह बंद रखे, मैं अपनी कमाई का 50% देने को तैयार हूं।

Friday, 3 July 2020

Narcos Mexico - Explained in Hindi

#NarcosMexico

Miguel Angel Felix Gallardo अपने समय से बहुत आगे था, पाब्लो एस्कोबार की तरह वह सिरफिरा नहीं था। खून-खराबे से उलट वह साफ-सुथरे तरीके से व्यापार करने पर जोर देता रहा, और आजीवन उसने यही किया, उसने जबरदस्त व्यवस्था तैयार की, ऊपर से लेकर नीचे सबको उस बिजनेस चेन में जोड़कर रखा। जब तक वह रहा पूरे मेक्सिको के ड्रग व्यापार को उसने नियंत्रित किया हुआ था, इतना जबरदस्त नियंत्रण की लोकतांत्रिक व्यवस्था से भी उम्दा, शायद मेक्सिको की नियति में यही लिखा था। 

फेलिक्स हमेशा से ड्रग व्यापार में मेक्सिको की संप्रभुता का हिमायती रहा, इसलिए उसने एक बड़ा फैसला लिया, जिस कोलंबिया से मेक्सिको तक कोकीन की सप्लाई होती था, उसने उस चेन को तोड़ डाला, उसने ड्रग की एक बड़ी खेप‌ को रंगे हाथ पकड़वा दिया, यह इतना कोकी‌न था कि कोलंबिया और मेक्सिको दोनों जगह के ड्रग माफिया कमजोर से पड़ गये‌। उसके बाद से आजतक इतना कोकीन कहीं नहीं पकड़ा गया। उधर पाॅब्लो एस्कोबार अपने अंतिम दिन गिन रहा था और इधर फेलिक्स मेक्सिको को मजबूत करने में लग गया था, फेलिक्स के अलावा कोई और दूसरा मेक्सिको में हो ही नहीं सकता था जो कोलंबिया से टक्कर ले सके, उसे करना था सो उसने कर दिया। फेलिक्स ने अपने साथियों को कहा कि उसने ही ये कोकिन पकड़वाया है, मेक्सिको के लोगों के एकछत्र राज के लिए, मेक्सिको को मजबूत करने के लिए, लेकिन इस बात पर किसी ने उसका साथ नहीं दिया। अंतत: फेलिक्स को जेल जाना पड़ा, शायद फेलिक्स एकलौता ऐसा ड्रग माफिया रहा जिसके पकड़े जाने में एक भी गोली नहीं चली, फेलिक्स था भी वैसा, बिना हिंसा का सहारा लिए विशुध्द बिजनेस करने वाला। पाब्लो एस्कोबार के रहते कोलंबिया में व्यापक स्तर पर हत्याओं और हिंसा का दौर चला, जो उसके जाने के बाद बहुत हद तक कम भी हो गया। अब एक पहलू इसमें यह भी है कि एस्कोबार के रहते हुए क्राइम कंट्रोल में रहा, यानि क्राइम सिर्फ एस्कोबार के गुर्गे ही करते रहे, चाबी उन्हीं के हाथ में रही, लेकिन एस्कोबार की मौत के बाद हजारों छोटे-छोटे ड्रग माफिया पैदा हो गये, जिन्हें धीरे से कोलंबिया सरकार ने बहुत हद तक कंट्रोल कर लिया। लेकिन मेक्सिको की स्थिति बिल्कुल अलग थी,वहाँ तो Sinaloa निवासी फेलिक्स था, उसके रहते मेक्सिको में हिंसा की छुटपुट घटना भी ना के बराबर हुई, उसकी तरह सुव्यवस्थित तरीके से ड्रग का व्यापार शायद ही कोई निकट भविष्य में कर पाए। उसके जेल जाने के बाद मेक्सिको में स्थिति उल्टी हो गई, हिंसाओं का ऐसा दौर चला जो आज भी बदस्तूर जारी है और आगे भी जारी रहेगा।

जेल में एक अमरीकी अफसर ने  फेलिक्स से कहा - सारा खेल पता है तुम्हें, फिर भी तुम आज यहाँ इस जेल में हो। इस पर फेलिक्स ने जवाब में कहा - "हम Sinaloans हैं", हम लोगों को हमेशा ज्यादा ही चाहिए होता है, हम ऐसे ही हैं। और आप यह मान कर चलें कि मेरे एक के जाने के बाद आप मेक्सिको को सँभाल नहीं पाएंगे, DEA और अमेरिकी खुफिया विभाग को तो मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए। जो पिंजरा इतने सालों से बँधा हुआ था, वह अब खुल गया  है, सारे खुले सांड अब बाहर आएंगे, मेक्सिको कभी इन सब से उबर नहीं पाएगा, अभी तो तुम्हें असली तांडव देखना है। देखना कैसे थोक के भाव में ड्रग लार्ड पैदा होंगे और तुम कुछ कर भी नहीं पाओगे, नहीं संभाल पाओगे, जब हाथ पर हाथ धरे रह जाओगे, तब मेरी यह बात तुम्हें समझ आएगी। आज फेलिक्स की एक एक बात सही साबित हो रही है।